नई दिल्ली। फूड प्रोसेसिंग उद्योग में निवेश बढ़ाने और किसानों की आमदनी को दोगुना करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने में सरकार जुट गई है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल वर्ल्ड फूड इंडिया-2017 के आयोजन को लेकर बहुत उत्साहित हैं। इंडिया गेट पर तीन नवंबर से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मेले के बारे में जानकारी देते हुए बादल ने बताया कि अगले तीन सालों में इससे 10 लाख रोजगार सृजित किये जाएंगे। इस मेले का उद्धाटन खुद पीएम मोदी करेंगे।
फूड इंडिया-2017 में 60 देश शामिल होंगे-
केंद्रीय मंत्री बादल ने बुधवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस मेगा फूड मेले के आयोजन में 60 से अधिक देशों और पूर्वोत्तर राज्यों समेत कुल 27 राज्यों के पांच हजार से अधिक उद्यमी व विभिन्न कंपनियों के प्रमुख हिस्सा लेंगे।
आयोजन में सरकार व उद्यमियों के बीच 15 से अधिक देशों के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेंगे। मेगा फूड मेले में जर्मनी, डेनमार्क और जापान भागीदार देश हैं। इटली और नीदरलैंड फोकस देश के तौर पर भाग ले रहे हैं।
65 हजार करोड़ के विदेश निवेश की उम्मीद-
खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बादल ने कहा कि ब्रिटेन, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, डेनमार्क सहित विभिन्न देशों की ओर से 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की हामी भरी जा चुकी है। इससे देश में 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मेगा फूड मेला में निवेश का यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। इतने बड़े आयोजन से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के साथ भारतीय खाद्य अर्थ व्यवस्था में बदलाव आना तय है।
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विदेशी धन का सहारा लेना होगा। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में सरकार आधुनिक तकनीक और बेहतर कार्य प्रणाली लाना चाहती है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार ने ‘एक देश एक खाद्य कानून’ का नारा दिया है, जिसकी आधिकारिक घोषणा इसी दौरान की जाएगी। खाद्यान्न को सुरक्षित करने के लिए ‘किसी थाली में खाना न छूटे’ का भी नारा केंद्रीय मंत्री बादल ने दिया।
इंडिया गेट के पास लगेगा मेगा फूड मेला-
इंडिया गेट के नजदीक 40 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में आयोजित हो रहा यह आयोजन वैश्विक कारोबारियों को एक मंच उपलब्ध करायेगा। भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की पूरी श्रृंखला में कारोबार के अवसर तलाशे जा सकेंगे। यह आयोजन दुनिया भर के खाद्य श्रंखला से जुड़े तमाम उद्यमियों, कारोबारियों और उत्पादकों को एक मंच पर लाएगा।
मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का विशेष सत्र होगा। वैश्विक खाद्य मेले के समापन समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी हिस्सा लेंगे।