इंजीनियरिंग कर शुरू किया कबाड़ का बिजनेस, आज है करोड़ों का टर्नओवर

लियर। इंजीनियरिंग करने के बाद लोग बड़ी कंपनी में काम करने के सपने देखते हैं। मैंने भी वही किया। लेकिन एक दिन जब मैने घर पर जुटे कबाड़ को बेचने के लिए बार कबाड़ीवाले को बुलाया, तब मेरे दिमाग में एक ख्याल आया कि एक कबाड़ी के पास हर तरह का वेस्ट आता है। उसे मैनेज करना बहुत जरूरी है। यह सोचकर मैने कबाड़ का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया। शुरुआत में लोगों ने बहुत हंसी उड़ाई, लेकिन आज मेरा ऑनलाइन बिजनेस 6 शहरों में है और करोड़ों का टर्नओवर है।

यह कहना था कबाड़ीवालाडॉटकॉम के फाउंडर अनुराग असाती का। वे शनिवार को एमआईटीएस में आयोजित टेडएक्स टॉक को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में अन्य 7 स्पीकर्स भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संयोजन ट्रेनिंग व प्लेसमेंट ऑफिसर विक्रम सिंह राजपूत ने किया। इस दौरान डायरेक्टर प्रो. आरके पंडित भी मौजूद थे।

इनोवेशन है आज की मांग

आईआईएम अहमदाबाद से आए आनंद कुमार ने फ्रुगल इनोवेशन पर अपनी बात रखी। उन्होने बताया कि भारत में मिडिल और लोअर मिडिल क्लास इकोनॉमी 60से 70 प्रतिशत है। ऐसे में आजकल इस तरह के प्रॉडक्ट्स बनाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने निरमा वॉशिंग पाउडर का उदाहरण देते हुए कहा कि आम डिटरजेंट की एक चौथाई कॉस्ट के बराबर के इस प्रॉडक्ट ने काफी घरों में अपनी जगह बनाई। इसके साथ ही 50 पैसे का चिक शैंपू आने से भी गांव के वे लोग भी शैंपू खरीदने लगे। जो महंगा होने के कारण शैंपू खरीदने से डरते थे।

हम सभी यूनिक हैं

इस मौके पर डॉ. सीए रीता शाह ने ‘नो वन इज यू एंड दैट इज योर पावर’ विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि एक बात याद रखें कि आप अपने आप में यूनिक हैं और यही आपकी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने कहा कि हमारे इमोशन्स ही हमें एक्सपीरियंस देते हैं कि हम कुछ हैं या नहीं और हमारा अनुभव ही हमारे एक्शन्स को तय करता है।

सारी शक्तियों का इस्तेमाल करें

वेब टॉकीज के एमडी और चेयरमेन वीरेंद्र साहनी ने ‘लाइफ इज नॉट अ गेम ऑफ हॉपस्कॉच’ विषय पर अपने विचार रखे। उन्होने हॉपस्कॉच यानी लंगड़ी के खेल का उदाहरण देते हुए कहा कि हम कई बार जिंदगी में भी इसी खेल की तरह अपने गोल सेट करते हैं। हमारे पास दो पैर हैं, फिर भी एक पैर से चलते हैं और लॉन्ग टर्म गोल को अचीव करते समय लड़खड़ा जाते हैं। उन्होने कहा कि देखने, पहचानने और समझने, गलत चीजों को खारिज करने जैसी शक्तियों को बेहतर कर हम सफल हो सकते हैं।

जीवन में हमेशा सीखते रहें

आईपीएस ऑफिसर अमिताभ ठाकुर ने कहा कि चाहे कितना भी वक्त गुजर जाए, इंसान को हमेशा सीखते रहना चाहिए। जिस दिन हमने सीखना बंद किया, मान लें कि हमने उस दिन हमने अपने विकास पर ताला लगा दिया है। साथ ही कहा कि हम मनुष्य हैं और हममें समय के साथ बदलने और नई चीजों को आत्मसात करने की क्षमता है। इसलिए खुद को समय के साथ बेहतर करते रहें और अपने प्रयासों में निरंतरता लाएं।

अपने इतिहास को जानें

लेखक और उद्यमी डॉ. निखिल चंदवानी नेकहा कि आज के यूथ को अपने इतिहास को जानने की कोशिश भी करना चाहिए। जब तक हम अपने बीते हुए कल को नहीं जानेंगे, तब तक हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे। इंजीनियरिंग ड्रॉपआउट और निखिल ने बताया कि हमारे एजुकेशन सिस्टम में कुछ खामियां हैं, जिन्हें ठीक किया जाना जरूरी है। हमें आज 20 एक्टर्स और या शासकों के नाम तो पता होंगे, लेकिन हम 20 साइंटिस्ट के नाम नहीं गिना पाएंगेレ इसके अलावा उन्होने यूट्यूब या अन्य साइट्स से सेल्फ रिसर्च करने पर भी जोर दिया।

बैंकिंग में हुए नए इनोवेशन्स

रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड के डायरेक्टर हिमांशु वरूडकर का कहना था कि आज के दौर में बैंकिंग सेक्टर में इतने इनोवेशन्स आ गए हैं, जिनकी कल्पना नहीं की जा सकती है। उदाहरण के लिए एसबीआई के इन टच सेंटर्स बहुत सी जगह मौजूद हैं जहां पैसे जमा, निकालना आदि कई तरह के काम किए जा सकते हैं। इस बारे में लोगों में जागरूकता की कमी के कारण लोग इसका प्रयोग नहीं कर पाते।

गीता से मिलेगी मैनेजमेंट की सीख

स्टूडेंट्स से रूबरू होते हुए मिस्टर इंडिया 2017 मितेंद्र मीत ने बताया कि आजकल की जनरेशन अपने नैतिक मूल्यों से भटक रही है। वह तकनीक से तो जुड़ी है, लेकिन अपने मूल्यों से दूर होती जा रही है। उन्होने बताया कि यूथ को गीता पढ़नी चाहिए, क्योंकि इससे मैनेजमेंट और डिसिप्लिन का बेहतर सबक मिलता है। उनका कहना था कि हम शक्ति पाने के लिए कृष्ण की पूजा न करें, बल्कि कृष्ण की सिखाई बातों का अनुसरण अपने जीवन में करें।

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