छत्तीसगढ़- स्कूलों में अब प्लेसमेंट एजेंसियों से होगी शिक्षकों की भर्ती

सुरेश देवांगन, कोरबा। शिक्षा विभाग अब स्कूलों में शिक्षकों की सीधी भर्ती नहीं करेगा, इसकी जिम्मेदारी प्लेसमेंट एजेंसी को दे दी है। हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती अब आउटसोर्सिंग से की जाएगी।


जिन स्कूलों में शिक्षक की कमी है, वहां भर्ती प्रक्रिया का दायित्व प्लेसमेंट एजेंसी को देने के लिए निविदा मंगाई गई थी। कोरबा सहित 11 जिलों में प्लेसमेंट कंपनी नियुक्त करने के लिए निविदा खोली गई है। कोरबा जिले में शिक्षक की भर्ती की जवाबदारी भोपाल के प्राइमवन वर्क फोर्स कंपनी को सौंपी गई है।


शराब दुकान संचालन के लिए कर्मचारी नियुक्ति के लिए प्लेसमेंट एजेंसी निर्धारित करने के बाद अब शासन ने शिक्षकों की भर्ती के लिए भी प्लेसमेंट एजेंसी निर्धारित कर दिया है। प्लेसमेंट एजेंसी के लिए माहभर पहले निविदा मंगाई गई थी, जिसे 12 अक्टूबर को जिला कार्यालय मे खोला गया।


जिले में शिक्षक भर्ती करने के लिए प्लेसमेंट एजेंसी भोपाल के प्राइमवन वर्क फोर्स कंपनी को दायित्व मिला है। शिक्षक की कमी होने से प्लेसमेंट एजेंसी को भर्ती का अधिकार होगा। प्लेसमेंट एजेंसी के तहत भर्ती वर्तमान में केवल हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में होगी।


आउटसोर्सिंग के तहत पहले शिक्षक की भर्ती सरगुजा व बस्तर जैसे में उन जिले में की जा रही थी, जहां विषय शिक्षकों की कमी से अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा था। कोरबा के अलावा जिन अन्य जिलों में प्लेसमेंट एजेंसी को दायित्व दिया गया है उनमें गरियाबंद, बलौदा बाजार, धमतरी, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बालोद, राजनांदगांव एवं कबीरधाम जिला शामिल है।


शिक्षक की कमी होने पर अतिथि शिक्षकों की जिस तरह भर्ती की जाती थी, ठीक उसी तर्ज पर प्लेसमेंट एजेंसी से भर्ती की जाएगी। शिक्षकों के पदों में जब तक शासन स्तर पर रिक्त पदों के विरूद्ध स्थाई नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक उन पदों में प्लेसमेंट के तहत भर्ती किए गए शिक्षक काम करेंगे।


शिक्षकों को वेतन देने की जिम्मेदारी भी प्लेसमेंट एजेंसी की होगी। इसमें शिक्षा विभाग का हस्तक्षेप नहीं होगा। अब जबकि शिक्षकों की नियुक्ति प्लेसमेंट के तहत होगी, ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता पर भी इसका असर रहेगा।


व्याख्याता के 107 पद है रिक्त


हाई व हायर सेकेंडरी की 230 स्कूलों में व्याख्याता शिक्षक के 107 पद रिक्त हैं। इनमें ज्यादातर आरक्षित रिक्तियां शामिल हैं। नियमतः आरक्षित रिक्तियों के विरूद्ध दूसरे जाति वर्ग से पद की भर्ती नहीं की जा सकती।


निर्धारित वर्ग के पद नहीं मिलने के की वजह से विभिन्न संकाय खासकर विज्ञान संकाय के शिक्षकों की कमी देखी जा रही है। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में खासी अव्यवस्था है। संकायवार शिक्षक नहीं होने से अनुत्तीर्ण छात्रों की तादात में इजाफा हो रहा है।


दूरस्थ गांव नहीं जाना चाहते शिक्षक


सबसे विषम स्थिति दूरदराज के गांवों की है, जहां नियुक्ति के बाद भी शिक्षक नहीं जाना चाहते। जिन शिक्षकों की पदोन्नति वर्ग-2 से एक में हुई है, उनमें से कई शिक्षक मात्र दूरी के कारण पदोन्नति लेने से पीछे हैं। शायद यही वजह है कि शिक्षक की कमी को दूर करने के लिए शासन ने प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से शिक्षक भर्ती कानिर्णय लिया है।


– स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं होगी। इसके लिए शासन ने प्लेसमेंट एजेंसी तय कर दी है, जिससे दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में अस्थाई शिक्षकों के माध्यम से अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सकेगा। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। – डीके कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी

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