नहीं होगी धान के लिए बारदानों की खरीदी, बचेंगे 750 करोड़

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) इस साल धान के लिए बारदानों की खरीदी नहीं करेगा। चावल के लिए 50 फीसदी नए बारदाने खरीदे जाएंगे जबकि धान पुराने बारदानों में लिया जाएगा। प्रदेश में 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू होने वाली है। इसके लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली में उपयोग में आ रहे पुराने बारदानों का इंतजाम किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने नए बारदानों की खरीदी पर रोक लगा दी है। इससे मार्कफेड और राज्य सरकार के करीब 750 करोड़ रूपए की बचत होगी।


ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार हर साल किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी करती है। इसके लिए हर साल बारदानों की खरीदी भी की जाती है। धान के लिए जूट मिलों से जो बारदाने खरीदे जाते हैं उनकी लागत करीब 50 रूपए आती है।


चावल के लिए बारदाने का दाम 61.81 पैसे निर्धारित किया गया है। पिछले साल सरकार ने 3.50 लाख गठान बारदाने की खरीदी की थी। एक गठान में 5 सौ बारे होते हैं, इस लिहाज से यहां हर साल करीब 15 करोड़ बारदाने खरीदे जाते हैं। बारदानों की खरीदी के नियम केंद्र सरकार तय करती है। इस साल धान के लिए बारदाना खरीदी पर रोक लगा दी गई है। चावल के लिए 50 फीसदी नए बारदाने खरीदे जाएंगे जबकि शेष चावल पुराने बारदानों में रखा जाएगा। पिछले साल अमानक और कम वजन के बारदाने खरीदने का आरोप भी मार्कफेड पर लग चुका है।


इनका कहना है


केंद्र सरकार ने तय किया है कि इस बार धान के लिए नए बारदाने नहीं खरीदे जाएंगे। हम पीडीएस में उपयोग होने वाले पुराने बारदानों का इंतजाम कर रहे हैं। चावल के लिए 50 फीसदी नए बारदाने खरीदे जाएंगे।


– राधा कृष्ण गुप्ता, अध्यक्ष मार्कफेड, छत्तीसगढ़

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