नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर कानून (जीएसटी) के फैसले ने इंडिया की ग्रोथ पर ब्रेक लगाया है। यह बात लार्सन एंड ट्यूबरो के चेयरमैन ए एम नाइक ने कही है।
नाइक ने बताया, "सरकार मौजूदा समय में चुनावों में व्यस्त है, अभी पांच राज्यों में चुनाव होने हैं और इसके बाद साल 2019 में आम चुनाव (लोकसभा चुनाव) भी होने हैं और वो वोट हासिल करना चाहते हैं। इसलिए सरकार सोशल सेक्टर से काफी सारे वादे कर रही है। इसका नतीजा यह है कि डेवलपमेंट के लिए पैसा नहीं बचा है।" नाइक ने साल 2004-05 में पीपीपी परियोजनाओं में अधिक निवेश के लिए निजी क्षेत्र को दोषी ठहराया है।
निवेश के लिहाज से बेहतर नहीं माहौल
भारत की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग और निर्माण कंपनी लार्सन एंड ट्यूबरो लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी आर शंकर रमन ने कहा है कि निवेश को बढ़ावा देने के लिहाज से माहौल अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि 30 जून को समाप्त तिमाही में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अपने तीन वर्षों के निचले स्तर पर आ गई, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 8 नवंबर 2016 को लिए गए नोटबंदी के फैसले और 1 जुलाई 2017 को देश भर में लागू किए गए जीएसटी ने देश के व्यवसायों को प्रभावित किया था।
गौरतलब है कि नोटबंदी का फैसला 8 नवंबर 2016 को और वस्तु एवं सेवा कर कानून देशभर में 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था।