इस साल की शुरूआत में उत्तर प्रदेश में चुनावी अभियान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी के किसानों को एक सपना दिखाया था. और वह सपना था किसानों की ऋण माफी का. कर्जमाफी के उस सपने को आंखों में लिए लाखों किसान प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की उस योजना का दम साधे इंतजार कर रहे हैं जिसे सरकार ने उत्तर प्रदेश ‘फसल ऋण मोचन योजना’ का नाम दिया है. प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद योगी सरकार की जिस योजना पर सबसे ज्यादा निगाहें टिकी हैं वह किसानों के कर्ज माफी की योजना ही है.
लेकिन योगी सरकार ने अपने इस सबसे बड़े चुनावी वादे को जब अमली जामा पहनाना शुरू किया तो यह ऋण मोचन की बजाय एक भद्दा मजाक ही नजर आ रही हैं. यूपी के कुछ जिलों में सरकार ने इस योजना के पहले चरण में कर्जमाफी के सर्टिफिकेट्स बांटने शुरू कर दिए हैं लेकिन इसके बाद जो तस्वीर उभर कर सामने आई हैं चौंकाने वाली है.
प्रदेश के हमीरपुर जिले में सरकार के राज्य मंत्री मनोहर लाल पूरे लाव-लश्कर के साथ किसानों को ऋण माफी का सर्टिफिकेट बांटने पहुंचे लेकिन जब किसानों की नजर उन सर्फिकेट्स में लिखी हुई रकम पर पड़ी तो वह सरकार के इस मजाक चौंक गए. कई किसानों का जो ऋण माफ किया गया वह इतना कम है कि उसका होने ना होने का कोई मतलब नजर नहीं आ रहा है.
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