ग्वालियर। मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश की 586 गौशालाओं में रहने वाले 1 लाख 41 हजार गौवंश के खाने का बजट चिड़िया के चुग्गे से भी कम है। प्रदेश की गौशालाओं में रहने वाली गाय प्रतिदिन सरकार के दिए जाने वाले 1 रुपए 57 पैसे से अपना पेट भरती है। यह जानकारी गौसंवर्धन बोर्ड के बजट और गौशालाओं में रहने वाली गायों के खाने के लिए सरकार की ओर से दिए जाने वाले बजट को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में गौसंवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने दी।
गौसंवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि हमने सरकार से बजट बढ़ाने के लिए कहा है। वर्तमान में 20 करोड़ का बजट गौसंवर्धन बोर्ड का है, जबकि हमने 96 करोड़ की मांग की है। हमारे पड़ोसी राज्य गुजरात में 300 व पंजाब में 600 करोड़ का बजट है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 96 हजार वर्ग किलोमीटर जंगल है। हमने सरकार से कहा है कि जंगल में गायों को चरने के लिए जाने दिया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गौसंवर्धन बोर्ड के अंतगर्त गौचर भूमि विकास मिशन बनाने के लिए कहा है। इससे चरनोई की भूमि का लैण्डयूज बदलते समय अब गौसवंर्धन बोर्ड की इजाजत लेनी होगी। साथ ही गौसंवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष होने के नाते मैंने भी कलेक्टरों को पत्र लिखकर चरनोई की भूमि की जानकारी मांगी है। चरनोई की जमीन पर गायों के लिए चारा उगाया जाएगा।
ग्वालियर में कलेक्टर से मांगी है जानकारी
एक सवाल के जवाब में गौसंवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष श्री गिरी ने कहा कि ग्वालियर में गौ अभयारण्य बनाने के लिए कलेक्टर से चार स्थानों पर जमीन की जानकारी मांगी है। जानकारी आने के बाद ही कुछ निर्णय लिया जा सकेगा।