1.4 फीसद हिस्से के अलावा 1000 रुपए के सभी नोट सिस्टम में वापस: RBI

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नोटंबदी के फैसले के बाद सिर्फ 1.4 फीसद हिस्से को छोड़कर बाकी सभी 1000 रुपए के नोट सिस्टम में वापस लौट चुके हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक ने यह जानकारी आज अपनी सालाना वार्षिक रिपोट में दी है। आरबीआई ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि साल 2016-17 के दौरान 632.6 करोड़ 1000 रुपए के नोट प्रचलन में थे, जिनमें से सिर्फ 8.9 करोड़ नोट ही वापस नहीं आए हैं।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते साल 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला लिया था जिसके बाद 9 नवंबर से ही 500 और 1000 रुपए के नोटों को अमान्य कर दिया गया था।

नोटबंदी के बाद लोगों को अपने पुराने नोट बैंकों में जमा करने का मौका दिया गया था। सरकार ने नोटबंदी का फैसला ब्लैकमनी पर अंकुश लगाने और आतंकवाद को होने वाले वित्त पोषण को रोकने के इरादे से उठाया था।

हालांकि सरकार ने नोटबंदी के बाद 2000 और 500 रुपए के नए नोट बाजार में जारी किए थे, लेकिन 1000 रुपए का नोट बाजार में वापस नहीं लाया गया।

सरकार की माने तो 1000 रुपए का नया नोट लाने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। आरबीआई के मुताबिक 31 मार्च 2017 तक नए और पुराने नोट मिलाकर 500 रुपए के कुल 588.2 करोड़ नोट थे। जबकि 31 मार्च 2016 तक 500 रुपए के 1,570.7 करोड़ नोट प्रचलन में थे।

आरबीआई की सालाना रिपोर्ट में कहा गया कि 4 नवंबर 2016 की तुलना में 31 मार्च 2017 तक नोटों के सर्कुलेशन में 74 फीसद तक का इजाफा किया गया है।

आरबीआई का कहना है कि साल दर साल के आधार पर मार्च के अंत तक नोटों का सर्कुलेशन 20.2 फीसद घटकर 13.1 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर आ गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली ने बताया कि हमें कैश लेन-देन में कमी लाने की जरूरत है।

आरबीआई की एनुअल रिपोर्ट में कहा गया कि मार्च 2017 तक 1000 रुपए के करीब 89 मिलियन नोट प्रचलन में थे, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 6.33 बिलियन का रहा था।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि नोटबंदी के बाद अब करेंसी डिमांड 87 फीसद के आसपास रही है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि मार्च 2017 तक सालाना आधार पर 86.4 फीसद करेंसी में से 73.4 फीसद हिस्सा 500 और उससे ऊपर के मूल्यवर्ग वाले नोटों का था।

वहीं मार्च 2017 तक 2000 रुपए के नोट कुल सर्कुलेशन का 50.2 फीसद हिस्सा रहे थे। आरबीआई का कहना है कि उसने कैशलेस इकोनॉमी की तरफ अपने प्रयासों में तेजी दिखाई है।

वहीं वित्त मंत्री ने कहा कि नकदी लेनदेन को काफी हद तक बंद करने को लेकर पूरे भारत में लोगों को अब तक भरोसा नहीं हो रहा है।

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