पटना : प्राथमिक स्कूलों में काम कर रहे बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को भी 18 महीने का डीएलएड (डिप्लोमा इन प्राइमरी एजुकेशन) करना होगा. अगर वे डीएलएड नहीं करेंगे तो एक अप्रैल 2019 से उनकी सेवा खत्म हो जायेगी.
इन बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को राहत तभी मिलेगी, जब वे छह महीने का संवर्द्धन कोर्स कर लेंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग एनसीटीइ को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहा है. एनसीटीइ अगर अनुमति दे देती है तो शिक्षकों के छह माह के संवर्द्धन कोर्स करने से काम चल जायेगा. सरकार यह कोर्स नेशनल स्कूल ऑफ ओपेन स्कूलिंग के जरिये करायेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग व एनआइओएस में सहमति बन गयी है. प्राथमिक विद्यालयों में करीब 10 हजार ऐसे नियोजित शिक्षक हैं, जो डीएलएड की जगह बीएड डिग्री धारी हैं. सरकार के प्रस्ताव पर अगर एनसीटीइ मुहर नहीं लगाती है तो इन शिक्षकों को डीएलएड करना होगा, नहीं तो नौकरी जायेगी.
शिक्षक हो सकते हैं परेशान : सूत्रों की माने तो अप्रशिक्षितों की डीएलएड की ट्रेनिंग के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है और 15 सितंबर तक रजिस्ट्रेशन होगा. अगर इसमें शिक्षक एनसीटीइ की सहमति मिलने का इंतजार करते रहे और डीएलएड के रजिस्ट्रेशन की तारीख खत्म हो गयी तो उन्हें नौकरी बचाने में परेशानी हो सकती है.
पांच आयुर्वेदिक कॉलेज में 84 वैद्यों की होगी नियुक्ति
पटना. सूबे के आयुर्वेदिक कॉलेजों के दिन बहुरने वाले हैं. वैद्य और पोस्ट ग्रेजुएशन की सीटों की मार झेल रहे इन कॉलेजों में जल्द ही वैद्यों की बहाली की जायेगी. इसकी प्रक्रिया अगले महीने से शुरू कर दी जायेगी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के पांच आयुर्वेदिक कॉलेज में 84 पदों पर वैद्य की नियुक्ति की जायेगी. इसमें अकेले पटना के लिए 20 वैद्य बहाल किये जायेंगे. इतना ही नहीं आयुर्वेद कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट की सीटों को भी बढ़ाया जायेगा. इसमें छह विभाग में 24 सीट बढ़ा दी जायेंगी. जबकि वर्तमान समय में दो विभाग में सिर्फ छह पीजी की सीटों पर दाखिला होता है.