रांची। इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला झारखंड में सामने आया है। वहां 17 साल की एक किशोरी ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। लड़की के गर्भवती होने के बाद उसके परिवार और प्रेमी दोनों ने ही उसे अपनाने से इंकार कर दिया था।
यहां तक कि स्वास्थ्य केंद्र कर्मचारियों ने भी उसकी सहायता करने से इंकार कर दिया। बिना किसी की मदद के वह सड़क पर बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर हो गई।
साराइकेला-खारसवाना जिले की रहने वाली लड़की गांव के एक आदमी से प्यार करने लगी और गर्भवती हो गई। जब लड़की ने यह बात प्रेमी को बताई, तो उसने लड़की को छोड़ दिया। समाज में शर्मिंदा होने के डर से परिवार ने भी लड़की से मुंह फेर लिया।
वह लड़की सड़क पर रहने के लिए मजबूर हो गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, वह चार महीने तक सड़क पर रही और 21 अगस्त की शाम करीब 7 बजे उसे प्रसव पीड़ा होने लगी। तब उसने चंडिल सब डिवीजनल अस्पताल के स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र से सहायता मांगी। मगर, कथित रूप से कर्मचारियों ने उनकी जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया क्योंकि उसके साथ कोई संरक्षक के साथ नहीं था।
अगली सुबह स्वास्थ्य केंद्र से सिर्फ 30 मीटर की दूरी पर करीब पांच बजे उस लड़की ने एक बच्ची को जन्म दिया। तब वहां से गुजरने वाले ओम प्रकाश शर्मा (50) ने लड़की को खून से लथपथ देखा और पाया कि बच्ची की गर्भनाल लड़की से जुड़ी थी। मां और नवजात बेटी सड़क पर दर्द से कराह रही थी।
शर्मा ने बताया कि कोई वाहन चालक उन्हें टक्कर नहीं मार दे, इससे बचाने के लिए उन्होंने रोड ब्लॉक लगा दिए। इसके बाद एक व्यक्ति स्वास्थ्य केंद्र पर मदद मांगने के लिए गया, लेकिन उसे मदद देने से इंकार कर दिया गया। बताया गया कि उस बच्ची के साथ कोई नहीं है, इसलिए वे उसकी जिम्मेदारी नहीं ले सकते हैं। इसके बाद शर्मा ने पुलिस में शिकायत की।
तब उसी अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर लखिंद्र हंसदा ने बाहर आकर गर्भनाल काटी। बाद में प्रकाश ने कुछ महिलाओं को बुलाकर एक ऑटो से लड़की और उसकी नवजात बच्ची को एक अस्पताल भेजा, जहां उसका इलाज किया गया। इस मामले के बारे में चांडिल सब डिवीजन हॉस्पिटल की डॉक्टर ललिता कश्यप ने कहा कि जो भी हुआ वह गलत और दुर्भाग्यपूर्ण था।
उन्होंने कहा कि जब इस लड़की के बारे में बताया गया, तब स्वास्थ्य केंद्र में उस वक्त सिर्फ दो नर्सें थीं। वे जुड़वां बच्चों की डिलीवरी करने में व्यस्त थीं। इस मामले में कुछ गफलत जरूर हुई है और हम निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे। हालांकि, अब वह लड़की और उसकी बच्ची, दोनों की हालत ठीक है। हम उसके माता-पिता को सूचित करेंगे और उम्मीद है कि उन्हें उनकी जरूरतों का समर्थन मिलेगा। लड़की और बच्ची को एक महिला सुरक्षा गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है।