महू-सिमरोल। कर्ज और सूदखोरों से परेशान होकर गुरुवार रात को एक किसान ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली। दतौदा के इस किसान ने साहूकारों से एक लाख रुपए ब्याज पर लिया था, लेकिन करीब साढ़े तीन लाख रु. चुकाने के बाद भी उसे अभी दो लाख रु. और चुकाना था जिसके लिए सूदखोर उसे धमकाते और मारते-पीटते थे। इसके बारे में उसने मरने से पहले पुलिस से भी शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
सिमरोल थाना क्षेत्र के दतौदा गांव में रहने वाले देवकरण कुमावत पिता मूलचंद (51) ने अपने खेत पर कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। शाम को जब वह अपने घर नहीं पहुंचे तो परिवार ने खेत पर जाकर देखा तो वहां वह बेसुध पड़े थे। इसके बाद परिजन उन्हें निजी अस्पताल ले गए जहां किसान को मृत बताया गया। इसके बाद पीएम के लिए शव को एमवाय अस्पताल भेज दिया गया।
मृतक किसान ने एक जैसे ही दो सुसाइड नोट भी छोड़े हैं, जिनमें गांव के ही दो साहूकार कमल चंदेल और गजानंद बबरीवाल का जिक्र है। किसान ने लिखा है कि उसने इन दोनों से लिए पैसे चुका दिए हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने उससे मारपीट की है और इसलिए वह आत्महत्या कर रहा है। किसान ने अपील भी की कि उसके बाद उसके परिवार का ख्याल रखा जाए।
लगातार बढ़ रहा था ब्याज
मृतक देवकरण के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं जिनकी शादी हो चुकी है। उसके भतीजे मुकेश ने बताया कि उनके चाचा ने तीन साल पहले एक लाख रु. दो प्रश के ब्याज पर कमल चंदेल से लिए थे। वे अब तक कमल को कुल 3.60 लाख रु. दे चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी ब्याज जारी रहा और जब यह ब्याज देने में देरी हुई तो कमल ने फिर दो लाख का हिसाब बना दिया। इसके बाद देवकरण ने 20-20 हजार रु. फिर कमल को दे दिए, लेकिन इसके बाद भी दो लाख का हिसाब खत्म नहीं हुआ। बताया जाता है कि इसके बाद कई बार देवकरण को अपमानित किया गया और उनसे मारपीट भी की गई।