पिछले साल की तुलना में खतरनाक हुआ डेंगू, बढ़े 11,832 मामले

नई दिल्ली। देश में पिछले साल की तुलना में साल 2017 में डेंगू के 11,832 मामले अधिक दर्ज किए गए हैं। वेक्टर से पैदा होने वाली बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या 46 हो गई है, जो पिछले साल की तुलना में 11 अधिक है।


नेशनल वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) के निदेशालय के मुताबिक, 30 जुलाई 2016 तक देश में कुल डेंगू के मामले 16,870 थे और साल 2017 में इसी अवधि के दौरान 28,702 मामले सामने आ चुके हैं। पिछले एक हफ्ते में ही डेंगू के 2,536 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 10 मरीजों की मौत हुई है।


डेंगू के सबसे ज्यादा 13,913 मामले केरल में दर्ज किए गए हैं, इसके बाद तमिलनाडु में 5,474 मामले, कर्नाटक में 4,186 मामले, आंध्र प्रदेश में 798, पश्चिम बंगाल में 571 और महाराष्ट्र में 460 डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं।


एनवीबीडीसीपी ने कहा कि दिल्ली में डेंगू के 237 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 118 राष्ट्रीय राजधानी के और 119 डेंगू के मामले आस-पास के राज्यों से सामने आए हैं। इन रोगियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।


केरल में डेंगू के कारण 23 मौतें हुई हैं, जो देश में सबसे ज्यादा हैं और इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर है, जां 15 लोगों की मौत हो चुकी है।


राष्ट्रीय वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम ने चिकनगुनिया के आंकड़ों को भी पेश किया है। यह भी एक वेक्टर बोर्न डिजीज है और पिछले साल दिल्ली में इसके रोगियों में भारी वृद्धि देखी गई थी।


कुल मिलाकर 30 जुलाई 2017 तक भारत में चिकनगुनिया के कुल 18,466 मामले सामने आए हैं, जो पिछले साल की तुलना में काफी कम हैं। साल 2016 में चिकनगुनिया के कुल 64,057 मामले दर्ज किए गए थे। कर्नाटक में चिकनगुनिया के 15,666 और दिल्ली में 12,279 मामले दर्ज किए गए थे।


31 जुलाई 2017 तक दिल्ली में चिकनगुनिया के कुल 220 मामले सामने आए हैं। कर्नाटक ने अब तक चिकनगुनिया के सबसे ज्यादा 10,241 मामले दर्ज किए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 2,379 मामले सामने आए हैं। राष्ट्रीय वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल कार्यक्रम के अनुसार, भारत ने तीव्र एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी एन्सेफलाइटिस (जेई) दोनों मामलों में वृद्धि देखी।


30 जुलाई 2017 तक देश में 4,681 एईएस के मामले सामने आए, जिसमें 344 लोगों की मौत हुई है। वहीं, पिछले साल इसके 3,711 मामले सामने आए थे, जिसमें से 409 लोगों की मौत हुई थी। इसी तरह, इस साल जेई के 799 मामले सामने आए हैं, जिसमें 78 लोगों की मौत हुई है, जबकि पिछले साल जेई के 445 मामले सामने आए थे, जिसमें से 85 रोगियों की मौत हुई थी। पिछले हफ्ते एईएस के 535 मामले सामने आए, जिसमें से 39 मौतें हुई और जेई के 112 मामले सामने आए, जिसमें से 10 लोगों की मृत्यु हुई है।

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