नई दिल्ली। मानसून सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे विपक्षी दलों की रणनीति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही पानी फेर दिया। रविवार को सर्वदलीय बैठक में उन्होंने गोरक्षा के नाम पर हिंसा फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की अपील करते हुए राज्य सरकारों को उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराया। लगे हाथों भ्रष्टाचार के खिलाफ राजनीतिक दलों को एकजुट होने की सीख देकर महागठबंधन की दरार को और चौड़ा कर दिया।
सोमवार से मानसून सत्र शुरू हो रहा है। यूं तो चीन के साथ तनातनी और कश्मीर को लेकर सरकार ने दो दिन पहले ही विपक्ष को साधने की कोशिश की थी। लेकिन, उनके रुख से साफ है कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर वह सरकार को रोजाना किसी न किसी मुद्दे पर घेरने की रणनीति अपनाएंगे। चीन से लेकर गोरक्षा तक के मुद्दों पर सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर अवरोध खड़ा करने की उनकी तैयारी है। ऐसे में रविवार को सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री के स्तर से ही विपक्ष को साधने का प्रयास किया गया।
कानून तोड़ने के खिलाफ किया आगाह
कुछ दिन पहले साबरमती से प्रधानमंत्री ने हिंसा फैलाने वाले कथित गोरक्षकों को आगाह किया था। रविवार को जदयू और तृणमूल कांग्रेस नेताओं को छोड़ बाकी दलों की मौजूदगी में मोदी ने दोहराया कि इससे देश की छवि पर असर पड़ रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गाय को हमारे यहां माता के समान माना जाता है। इससे लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं। फिर भी इसकी रक्षा के लिए कानून तोड़ना विकल्प नहीं है। जाहिर तौर पर वे यह संकेत देने से नहीं चूके कि हमें एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान भी करना चाहिए।
लालू, कांग्रेस और नीतीश को संदेश :
बिहार में महागठबंधन टूट की कगार पर खड़ा है। राजद को दिए गए जदयू के अल्टीमेटम की मियाद खत्म हो चुकी है। वहीं काग्रेस आलाकमान इस कवायद में जुटा है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी नीतीश थोड़ी नरमी दिखाएं। ऐसे में प्रधानमंत्री ने परोक्ष रूप से जहां नीतीश की पीठ थपथपाई वहीं कांग्रेस को अहसास कराया कि जो लूटने वाले हैं, उनके साथ खड़े रहकर देश को कुछ हासिल नहीं होगा। उन्होंने कहा, "हर राजनीतिक दल की जिम्मेदारी है कि अपने बीच मौजूद ऐसे नेताओं को पहचानें और उन्हें अपने दल की राजनीतिक यात्रा से दूर करते चलें।" स्पष्ट है कि यह संदेश नीतीश के लिए था। नीतीश की ओर से लगातार यह कहा जाता रहा है कि वह भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करेंगे।
समय और संसाधन का दिलाया अहसास :
पिछले लगभग हर सत्र के बाद सरकार और विपक्ष ने संसद के समय और संसाधन की बर्बादी के लिए दूसरे पक्ष को जिम्मेदार ठहराया है। ऐसे में शुरू में ही प्रधानमंत्री ने विपक्ष को इसकी भी याद दिला दी और भरोसा जताया कि मानसून सत्र कामकाज के मामले में रिकार्ड बनाएगा।
राष्ट्रपति चुनाव में एक भी वोट बेकार न जाए
सोमवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित किया कि कोई वोट बेकार न जाए। राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का जीतना यूं तो महज औपचारिकता ही मानी जारही है। लेकिन, मोदी ने सभी घटक दलों को आगाह किया कि अपने सांसदों और विधायकों को ठीक से प्रशिक्षित करें, ताकि वोट खराब न हो। सर्वदलीय बैठक में मोदी ने कहा कि अच्छा होता कि राष्ट्रपति का चुनाव आम सहमति से होता। बहरहाल, इस पर संतोष भी जताया कि चुनाव अभियान गरिमा के साथ हुआ।
बैठक में जीएसटी के बारे में विस्तार से जानकारी
बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने सभी दलों से राष्ट्रपति चुनाव में भागीदारी करने की अपील की। अनंत कुमार ने बताया, ‘पीएम मोदी ने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की है और उसी के लिए उन्होंने सभी पार्टियों को आह्वान किया। पीएम ने कहा जिस नेता पर सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार की वजह से प्रश्न खडा हुआ उसे ठीक करने सभी पार्टीयां साथ काम करें।’
"कुछ असामाजिक तत्वों ने गोरक्षा को अराजकता फैलाने का माध्यम बना लिया है। राज्य सरकारों को ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। राज्य सरकारों को यह भी देखना चाहिए कि इसके पीछे व्यक्तिगत दुश्मनी तो नहीं निकाली जा रही है।"
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री