भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार 12 जुलाई को कहा कि अर्थ जगत के पंडित ‘नौकरीविहीन वृद्धि’ की बात का जिक्र करते हुए मोदी सरकार की आलोचना कर सकते हैं लेकिन भारत केवल नौकरी के भरोसे बेरोजगारी का मुकाबला नहीं कर सकता है और इस संदर्भ में स्वरोजगार पर जोर जरूरी है। शाह ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में केंद्र की मुद्रा ऋण योजना के तहत 7.28 करोड़ लोगों को स्वरोगार मिला जो अपने आप में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘ अर्थ जगत के पंडित ‘नौकरीविहीन वृद्धि’ की बात करते हैं और मेरे सिर पर जो कुछ थोड़े बाल हैं, उसे निकालने का प्रयास करते हुए पूछते हैं कि नौकरी कहां है ? ” भाजपा अध्यक्ष आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पुस्तक ‘ द मेंकिंग आफ ए लिजेंड’ का लोकार्पण कर रहे थे । इस समारोह मे आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत , कई केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता मौजूद थे । शाह ने कहा कि सवा सौ करोड़ लोगों की आबादी वाला देश केवल नौकरी सृजित करके बेरोजगारी की समस्या से नहीं निपट सकता है। मोदी सरकार ने स्वरोजगार पहल के तहत 7.28 करोड़ लोगों को स्वरोगार उपलब्ध कराया ।
गरीबों को सर्मिपत मोदी सरकार की योजनाओं को रेखांकित करते हुए शाह ने कहा कि सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि इसने कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान में मदद की । शाह ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक परिवार का बैंक खाता हो, साथ ही 4.38 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया है ताकि गरीब महिलाओं को सम्मान के साथ जिंदगी बसर करने का मौका मिल सके अन्यथा उन्हें खुले में शौच करना पड़ता था। पूर्व की सरकारों पर चुटकी लेते हुए शाह ने कहा कि गरीबों और विकास के मुद्दे पर अनेक प्रधानमंत्रियों ने बात की लेकिन शौचालय का निर्माण, बैंक खाता खोलने और गरीबों को अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का काम मोदी के लिये छोड़ दिया । उन्होंने कहा कि सरकार ने 2019 तक 5 करोड़ गरीब महिलाओं को एलपीजी सिंलेडर उपलब्ध कराने और 2024 तक प्रत्येक परिवार को उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।