नई दिल्ली। मानसून के चलते हो रही भारी बारिश देशभर में सितम ढा रही है। भारी बारिश के चलते उत्तर भारत के कई राज्यों में आम जिंदगी प्रभावित हुई है। जहां उत्तराखंड में तीर्थ यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं असम में बाढ़ से जिंदगी मुहाल है। बारिश के चलते असम समेत देश के अलग-अलग राज्यों में अब तक 57 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से 40 तो सिर्फ असम से हैं।
भारी बारिश व बाढ़ से बुधवार को उत्तर प्रदेश में सात, असम में पांच, मध्य प्रदेश में दो, उत्तराखंड दो व बिहार में एक व्यक्ति की मौत हो गई। ज्यादातर पहाड़ी व मैदानी राज्यों में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कई राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने से लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं उत्तराखंड में भूस्खलन व बारिश से तीर्थ यात्रियों को खासी दिक्कतें हुईं। राज्यभर में नदी-नाले उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा से ऊपर बह रही है। टिहरी झील के जल स्तर में तीन मीटर का इजाफा हुआ है।
भारी बारिश से कार्लीगाड और रंगड़गांव क्षेत्रों की 20 हजार से अधिक आबादी का देहरादून से सड़क संपर्क टूट गया। स्कूलों में भी बच्चे फंसे रहे। वहीं, भारी वर्षा के मद्देनजर केदारनाथ यात्रियों को ऐहतियातन बुधवार को गौरीकुंड में रोका गया है। गंगाजल लेने गोमुख जाने वाले कांवड़ियों को उत्तरकाशी में रोका गया है।
बदरीनाथ राजमार्ग का लामबगड़ में करीब 20 मीटर हिस्सा बह गया। गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे भी बंद होते और खुलते रहे। अल्मोड़ा हाईवे पर बस पर गिरे बोल्डर की चपेट में आकर चालक घायल हो गया और बस में सवार 22 यात्री बाल-बाल बचे। पिथौरागढ़ में सात और नैनीताल में पांच घर अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
दूसरी ओर, राज्यभर में 172 संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं।उप्र में कहर ढाने लगीं नदियांउत्तर प्रदेश में नदियों का जलस्तर थमने का नाम नहीं ले रहा। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसके कारण तटवर्ती तमाम गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मीरजापुर, सोनभद्र व चंदौली के कई चेकडैम व बंधे फुल हो गए हैं। नेपाल के बनबसा बैराज से 1.3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके चलते गुरुवार को जलस्तर तेजी से बढ़ने की संभावना है।
कानपुर में गंगा के जलस्तर में 109.4 मीटर से बढ़कर 109.6 मीटर हो गया। राज्य में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ ने 12 टीमों का गठन किया है।पांचवीं तक के स्कूल बंदमध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से में तेज बारिश के चलते मंगलवार को रीवा, सतना, कटनी में बाढ़ जैसे हालात बन गए। रीवा और कटनी में नदी में बहने से साढ़े तीन साल के मासूम समेत दो की मौत हो गई है। सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। रीवा और सतना में पांचवीं तक की कक्षाओं की छुट्टी घोषित कर दी है। गुरुवार को कई क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है।
आज भारी बारिश की चेतावनी
बिहार में लगातार हो रही बारिश के कारण बिहार की नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। सुपौल में तटबंध के 12 बिंदुओंपर कोसी का दबाव बरकरार है। वहीं सहरसा में कोसी नदी में डूबकर बुधवार को एक वृद्ध की मौत हो गई। खगडि़या में कोसी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
गुरुवार को राज्य में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। वहीं मुंगेर में गंगा नदी का जलस्तर 34.66 मीटर दर्ज किया गया है। 2.5 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से इसके जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। हिमाचल में थमी रफ्तारहिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से कई क्षेत्रों में रफ्तार थम गई। यहां मंडी पठानकोट राजमार्ग गुम्मा के पास बाढ़ आने से आठ घंटे बाधित रहा है। चंबा-तीसा मार्ग भी कटवाड़घार में भूस्खलन होने से बंद हो गया।
जम्मू में भैरो घाटी मार्ग बंदजम्मू कश्मीर में लगातार बारिश व भूस्खलन से वैष्णो देवी भवन जाने वाला बैट्री कार मार्ग सहित भैरो घाटी जाने वाला मार्ग बंद हो गया है। वहीं मलबे की चपेट में आने से एक महिला श्रद्धालु घायल हो गई। त्रिकूट पर्वत पर छाए घने बादलों के कारण बुधवार को दिनभर हेलीकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर सके। श्रद्धालु केवल घोड़ा, पिट्ठू व पालकी की मदद से ही यात्रा कर रहे रहे हैं।