बिलासपुर। मस्तूरी ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ने मिलकर शौचालय निर्माण की आड़ में 19 लाख 26 हजार रुपए का घोटाला किया है। जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी का खुलासा होने पर दोनों से रिकवरी करने की तैयारी है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत मस्तूरी ग्राम पंचायत में 342 शौचालयों को निर्माण प्रस्तावित था। इसके लिए सरपंच सुनीता सारथी और सचिव सतीष टंडन ने ग्राम सभा में प्रस्ताव पास कर जयरामनगर स्थित एक्सिस बैंक से अलग-अलग खातों से 44 लाख 70 हजार रुपए निकाले। इसमें स्वच्छ भारत मिशन से 6 लाख 20 हजार और गौण खनिज मद से 38 लाख 50 हजार रुपए शामिल हैं।
कायदे से इस राशि से दिए गए लक्ष्य के अनुसार शौचालयों का निर्माण करना था लेकिन सरपंच और सचिव ने मिलीभगत कर 19 लाख 70 हजार रुपए का गबन कर दिया। इस मामले की शिकायत जिला मुख्यालय में हुई थी। इस पर जांच कराई गई। इसमें खुलासा हुआ है कि पंचायत में सिर्फ 212 शौचालयों के लिए राशि जारी की गई थी। इसमें 166 पूर्ण हुए हैं। वहीं 46 अब भी अपूर्ण हैं।
जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि सरपंच व सचिव ने मिलकर गड़बड़ी को अंजाम दिया है। साथ ही उनसे रिकवरी के लिए भी जांच टीम ने अनुशंसा की है।
ये शामिल थे जांच टीम में
मामले की जांच के लिए टीम बनाई गई थी। इसमें सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी मनोज पटले, रेवाराम सोनेकर, सहायक विस्तार अधिकारी राजेंद्र पांडेय, ललित कुजूर, कुमुदनी मार्कों और रूपलता बुनकर शामिल थे।