‘दुनिया भर में पकने वाले भोजन का एक-तिहाई बेकार हो जाता है’

दुनिया में पकने वाले कुल भोजन का एक-तिहाई बेकार हो जाता है और उसे फेंक दिया जाता है। संयुक्त राष्ट्र पयार्वरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के इंटरनेशनल रिसोर्स पैनल के सह-अध्यक्ष जेनेज पोटोकनिक ने यह बात कही।


पोटोकनिक हेलसिंकी में आयोजित पहले वर्ल्ड फोरम ऑफ सेकुलर इकोनॉमी(डब्ल्यूसीईएफ2017) के उद्घाटन समारोह के मौके पर बोल रहे थे। इस आयोजन में 90 देशों के लगभग 1700 विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं।


पोटोकनिक ने कहा कि दुनिया में लगभग 80 करोड़ लोग भूखे हैं, जबकि दो अरब से अधिक लोग मोटापे के शिकार हैं। उन्होंने समस्या के निदान के लिए सार्वजनिक नीति तथा राजनीति इच्छाशक्ति का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि हमें अपना ध्यान एक बार फिर उन कारणों के नतीजों पर केंद्रित करना होगा, जिसके कारण आर्थिक व सामाजिक असंतुलन पैदा होता है। कार्यक्रम की मेजबानी फिनिश इनोवेशन फंड, सिट्रा कर रही है, जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास के लिए सकुर्लर इकोनॉमी को एक मॉडल के रूप में बढ़ावा देना है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रतिनिधि सर्गेई इवानोव ने कहा कि रूस के लिए सकुर्लर इकॉनमी बहुत महत्वपूर्ण होगा।

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