जगदलपुर। बंगाल के विष्णुपुर गांव से आकर बस्तर में खेक्सी की फसल लेने वाले पहले किसान हैं बाबूढाली। वे मात्र आठवीं पास हैं और इन दिनों वे पंडरीपानी में खेक्सी उपजा रहे हैं। इनके खेत की खेक्सी प्रतिदिन संजय बाजार पहुंच रही है। वे बस्तर के बेरोजगारों के लिए आदर्श बन सकते हैं चूंकि मात्र आधा एकड़ में यह फसल लेकर उन्होंने दो लाख रुपए की आय प्राप्त किए हैं।
गीदम मार्ग पर स्थित ग्राम पंडरीपानी में आम बगीचा के लिए चर्चित कमलेश पंतलू की जमीन को 12 हजार रुपए में किराए पर लेकर खेक्सी लेने वाले बाबूढाली मूलतः ग्राम विष्णुपुर, थाना चकदाहा, जिला नौदिया, पश्चिम बंगाल के निवासी हैं। पिछले चार साल से बस्तर में हैं।
पहले वे आमागुड़ा साड़गुड़ में एक किसान की जमीन रेग पर लेकर सब्जी लेते रहे हैं। पिछले सात महीने से वे पंडरीपानी में पंतलू की जमीन किराए पर लेकर खेक्सी की फसल ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वे आठवीं पास हैं। खेती-बाड़ी का काम परिवार से सीखा, इसलिए मित्रों की सलाह पर वह रोजी-रोटी की तलाश में पहले जैपुर ओडिशा पहुंचे और अब बस्तर में हैं। उनकी पत्नी रीनू भी इस कार्य में साथ दे रही हैं।
उन्होंने बताया कि बस्तर की जमीन कहीं- कहीं खेक्सी के लिए उपयुक्त है। पहले वे आमागुड़ा में आधा एकड़ में खेक्सी की फसल लिए और खर्च काट कर करीब दो लाख रुपए की आय प्राप्त किए थे। अब पंडरीपानी में करीब एक एकड़ में खेक्सी लगाए हैं।
रोज लगभग 50 किलो खेक्सी निकल रही है जिसे संजय मार्केट में व्यापारी बेच रहे हैं। बाबू कहते हैं कि हूनर हो तो आदमी कहीं भी अपनी जिंदगी चला सकता है। बस्तर में हजारों बेरोजगार हैं, और उनके पास पैतृक जमीनें भी खूब हैं। वे कृषि को अपना कर अपनी जिंदगी बेहतर कर सकते हैं।
नुकसान भी उठाया
बाबूढाली बताते हैं कि करीब 22 दिन पहले ओलावृष्टि हुई थी, जिसके चलते खेक्सी की फसल खराब हो गई और उन्हे करीब 60 हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन लगातार मेहनत और पौधों के संरक्षण से खेक्सी की बेल फिर निखर आयीं है और अपेक्षा के अनुरूप फल भी लग रहे हैं।