बीपीएल से नाम कटा तो कई योजनाओं से हो जाएंगे वंचित

शत्रुघन केशरवानी, सागर। गरीब बनकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले संपन्न् लोगों के नाम अब जल्द से जल्द बीपीएल की सूची से कटने वाले हैं। बीपीएल सूची से नाम कटने के अलावा ऐसे फर्जी पात्र लोगों को सरकार की दूसरी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल सकेगा, जिससे फर्जी बीपीएल कार्डधारियों में हड़कंप मच गया है। प्रदेश में सबसे ज्यादा सागर जिले के लोग सरकारी राशन दुकानों से सस्ता राशन ले रहे हैं, जबकि पिछले दो सालों में करीब 35 हजार अपात्रों के नाम काटे जा चुके हैं।

शासन द्वारा तय नए मापदंड से सागर जिले के हजारों परिवार प्रभावित होंगे, जो सालों से गरीब बनकर सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे थे। जिले की करीब 890 राशन दुकानों में से 4 लाख 27 हजार परिवार ऐसे हैं जो बीपीएल राशन कार्डधारी के अलावा 24 अन्य कैटेगिरी में अपना नाम जुड़वाकर सस्ता राशन हजम कर रहे हैं।

वहीं 2 लाख 80 हजार परिवार बीपीएल कार्डधारी हैं जो राशन के अलावा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। शासन द्वारा ऐसे लोगों का एक बार फिर सर्वे किए जाने से अपात्रों में हड़कंप मच गया है, लेकिन बीपीएल के अलावा अन्य कैटेगिरी की भी जांच हो तो और भी अपात्र सामने आएंगे।

24 कैटेगिरी में भी कई लोग हजम कर रहे सरकारी राशन

अफसरों की मिलीभगत से मुफ्त राशन लेने वालों में सिर्फ बीपीएल कार्डधारी ही नहीं बल्कि 24 अन्य कैटेगिरी के अंतर्गत हितग्राही राशन ले रहे हैं। शासन द्वारा मान्य अन्य कैटेगिरी के माध्यम से लोग मजदूर कार्ड, बीड़ी कार्डधारी, चालक-परिचालक, घरेलू कामकाजी महिलाएं सहित अन्य कैटेगिरी में अपना नाम दर्ज कराके सरकारी राशन हजम कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार शासन द्वारा जो नए मापदंड तय किए गए हैं उनमें सबसे ज्यादा अपात्र इन कैटेगिरी में भी मिलेंगे, क्योंकि कई वाहनों, प्लॉट और मकानों के मालिक भी अफसरों की मिलीभगत से अपना नाम इन कैटेगिरी में जुड़वाए हुए हैं।

पिछले साल कट चुके हैं 35 हजार से ज्यादा अपात्रों के नाम

1. ग्रामोदय अभियान में मिले थे 25 हजार से ज्यादा अपात्र

शासन द्वारा जिले भर में चलाए जा रहे ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान भी कई अपात्रों के नाम सामने आ चुके हैं। पिछले साल गांवों में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान में करीब 25 हजार से ज्यादा अपात्र लोगों के नाम काटे गए थे, जिसके बाद कई लोग विरोध में उतर आए थे।

इसके अलावा जनसुनवाई में भी अपात्र लोगों के नाम बीपीएल सूची में जुड़े होने की शिकायतें आती रही हैं, जबकि कई बार पात्र शासन के नए-नए नियमों के कारण राशन से वंचित रह जाते हैं। वहीं इस बार फिर ऐसे लोगों की ग्राम उदय से भारत उदय अभियान में सूची तैयार हो रही है, जिसमें कई अपात्र मिले हैं।

2. महंगा गेहूं बेचकर सस्ता खरीदने पर पिछले साल कटे 9700 के नाम

शासन को समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा पिछले वर्ष नाम काटने की तैयारी की गई थी। अच्छे दाम मिलने के लालच में कई किसानों ने समर्थन मूल्य पर सरकार को 50 क्विंटल से ज्यादा तक गेहूं बेचा, लेकिन सरकार कोगेहूं बेचकर वह अपने अपात्र होने का प्रमाण भी दे गए। जिले के 9700 किसान ऐसे थे, जो एक ओर सरकार को महंगा गेहूं बेच रहे थे तो दूसरी ओर गरीब बनकर मात्र एक रुपए में यह गेहूं खरीद रहे थे। ऐसे किसानों की लिस्ट बुलाकर प्रशासन ने पिछले साल करीब 9 हजार 700 लोगों के नाम बीपीएल की सूची से काट दिए थे।

राशन के अलावा मिलती थी कई सुविधाएं

– बीपीएल कार्डधारी को एक रुपए किलो के हिसाब से गेहूं, चावल और नमक

– उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर

– मुफ्त शिक्षा एवं किताबें प्राप्त कर रहे

– आवास योजना में मुफ्त मकान एवं पट्टा

– मुफ्त दवाएं और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं

– शासन की विभिन्न् योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाला ऋ ण

नए मापदंडों के तहत इनका कटेगा नाम

– ऐसे परिवार जिनका कोई सदस्य आयकरदाता, व्यवसाय कर-दाता हो

– कोई सदस्य नियमित, संविदा, मानदेय पर शासकीय, अर्द्ध-शासकीय संस्था में सेवा में हो (आंगनबाड़ी सहायिका, कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, मध्यान्ह भोजन रसोईया व अनुसूचित जाति, जनजाति के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के परिवार को छोड़कर)

– जिनके पास चार पहिया वाहन हो (उन परिवारों को छोड़कर जिनकी आजीविका का साधन मात्र एक चार पहिया वाहन है व आजीविका का अन्य कोई साधन नहीं है)

– शहरी क्षेत्र में 500 वर्गफीट और ग्रामीण क्षेत्र में 1500 वर्ग फीट के पक्के मकान वाले परिवार

– किसान क्रेडिट कार्डधारक जिसकी एक लाख से अधिक की क्रेडिट लिमिट हो

– समर्थन मूल्य पर 50 क्विंटल से अधिक धान, मक्का और गेहूं विक्रय करने वाले परिवार

– दो व दो हेक्टेयर से अधिक सिंचित और तीन व तीन हेक्टेयर से अधिक असिंचित भूमि वाले परिवार

इनका कहना …

प्रदेश में सबसे ज्यादा राशन सागर में बंट रहा

प्रदेश में सबसे ज्यादा बीपीएल व शासन द्वारा मान्य अन्य 24 कैटेगिरी में सबसे ज्यादा राशन सागर में बंट रहा है। पिछले वर्ष ग्राम उदय अभियान एवं समर्थन मूल्य में गेहूं खरीदी के माध्यम से करीब 35 हजार अपात्रों के नाम काटे गए थे। शासन के नए मापदंडों पर जैसे-जैसे आदेश मिलेंगे कार्रवाई की जाएगी। राजेंद्र सिंह, जिला आपूर्ति नियंत्रक

 

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