नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित विकास प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से दिल्ली स्थित यमुना के तट पर कराए गए आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा गया कि श्री श्री रविशंकर का एनजीटी पर दिया गया बयान पक्षपातपूर्ण था।
कोर्ट की ओर से कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर रविशंकर प्रसाद पर तल्ख टिप्पणी की गई। कोर्ट ने श्री श्री रविशंकर का पक्ष रख रहे वकील से कहा कि आपको जिम्मेदारी का कोई अहसास नहीं है। क्या आप सोचते हैं कि आप कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं।
दरअसल, एनजीटी की ओर से रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम से हुए नुकसान को लेकर एक कमेटी बनायी गयी थी, जिसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी गयी। एनजीटी कमेटी द्वारा कहा गया कि यमुना रिवरबेड को नुकसान पहुंचाना आश्चर्यजनक है।
एनजीटी ने याचिकाकर्ता से कहा कि वो मामले में बयानों की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके कोर्ट में एक एप्लीकेशन दाखिल करें, जिससे कोर्ट इस मुद्दे पर रिकाॅर्ड पर ले सके। मामले की अगली सुनवाई नौ मई को होगी।