हरिओम गौड़/ अजीत तिवारी। भोपाल/श्योपुर। गरीबों की रसोई को धुआंमुक्त करने के मकसद से शुरू हुई उज्जवला योजना गरीब की रसोई नहीं बल्कि होटलों के किचन को उज्जवल कर रही है। बड़ी संख्या में गरीबों ने योजना के तहत मुफ्त में मिले गैस सिलेंडर चाय-नाश्ते की होटल वालों को बेच दिए हैं जो महंगे कर्मशियल सिलेंडर की जगह इन सिलेंडर का इस्तेमाल कर अपने पैसे बचा रहे हैं।
हालात यह हैं कि गरीब रसोई में अब गैस चूल्हा बस रह गया है। गैस की रसीद तो हितग्राही नाम से कट रही है लेकिन सिलेंडर जा होटलों में रहा है नतीजा यह की कमर्शियल सिलेंडर की ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 75 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में करीब 25 फीसदी खपत घट गई है।
ऐसे खुला राज
री-फीलिंग के लिए बुक हुए सिलेंडर जब गैस एजेंसी से होम डिलीवरी के लिए हितग्राहियों के यहां पहुंचे तो इनके घरों पर भरे सिलेंडर के बदले देने के लिए खाली सिलेंडर नहीं मिले। दरअसल हितग्राही बुकिंग की पर्ची लेकर उन लोगों को दे रहे हैं जिन्हें इन्होंने सिलेंडर बेच दिए हैं। बाद में सिलेंडर खरीदने वाले लोग एजेंसी या उनके गोदामों पर जाकर खाली सिलेंडर देकर भरा हुआ ले आते हैं। समय-समय पर कराए जाने वाले गैस एजेंसियों के सर्वे में भी यह बात निकल कर आई है।
1500 से 1700 में बेचे सिलेंडर
श्योपुर जिले में 31 हजार 457 गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं। नगरपालिका क्षेत्र में ही करीब 2100 गरीबों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिए गए,इनमें से 1800 से ज्यादा गरीबों ने कुछ दिन बाद ही गैस से भरे सीलपैक सिलेंडर 1500 से1700 स्र्पए तक में बेच दिए। भोपाल जिले में 22 हजार 500 गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन अब तक मिल चुके हैं। योजना के कई हितग्राही ऐसे भी हैं जिन्होंने छह महीने बाद भी सिलेंडर का उपयोग नहीं किया,लेकिन हर महीने नया सिलेंडर बुक करा रहे हैं।
सिलेंडर उपलब्ध कराने वाला गिरोह
उज्ज्वला योजना के गैस सिलेंडर चाय नाश्ते की दुकानों के अलावा मैरिज गार्डनाें में होेने वाले आयोजनों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं और यह काम बकायदा एक गिरोह कर रहा है। यही वजह है कमर्शियल गैस सिलेंडर (नीले रंग का) की खपत श्योपुर में ही 75 प्रतिशत तक घट गई है। राजधानी सहित अन्य जिलों में शहरी क्षेत्रों में कमर्शियल गैस सिलेंडरों की खपत में 25 फीसद से ज्यादा की गिरावट आ गई है।
हितग्राहियों और प्रतिष्ठानों पर हो कार्रवाई
शासन को ऐसे हितग्राहियों और कमर्शियल प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए। व्यवसायिक प्रतिष्ठान यह ध्यान रखें कि केवल कमर्शियल सिलेंडर का ही उपयोग करें न कि घरेलू सिलेंडर का।
-आरके गुप्ता,अध्यक्ष,फेडरेशन ऑफ एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन,मप्र इकाई
शहर में 02 हजार से ज्यादा परिवारों को उज्जव़ला योजना के कनेक्शन दिए। इनमें से 1800 से ज्यादा परिवारों के यहां सिलेंडर ही नहीं हैं। कमर्शियल सिलेंडर की मांग बहुत घट गई है।
विवेक गोयल प्रबंधक, इंडेन गैस एजेंसी श्योपुर
शिकायतों की जांच करा रहे हैं
इस तरह की शिकायतें सामने आई हैं। हम इसकी जांच करा रहे हैं। हमने समझाइश दी है कि उज्जवला योजना हितग्राही शासन की सहूलियत का केवल खुद इस्तेमाल करें।
-ज्योति शाह नरवरिया,जिला आपूर्ति नियंत्रक भोपाल
उज्जवला योजना केतहत सिलेंडर लिया था पर उपयोग नहीं कर रहे हैं पहचान वालों को दे दिया है।
-प्रभादेवी, हितग्राही,उज्जवला योजना