नई दिल्ली। मौसम में आए बदलाव ने हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों को दर्द दिया तो पंजाब व हरियाणा के किसानों की कमर तोड़कर रख दी।
सेब की फसल जहां आधी होने का अनुमान है वहीं गेहूं में हुए नुकसान का आकलन नहीं हो सका है। हिमाचल में आर्थिकी के मुख्य स्रोत पर संकट के बादल छा गए हैं। तीन दिन से बारिश व ओलावृष्टि से तापमान में आई भारी गिरावट से इस बार प्रदेश में सेब की पैदावार आधी रहने की आशंका है।
सालभर की मेहनत को बर्बाद होता देखकर बागवानों के चेहरे मुरझा गए हैं। रही कसर तापमान में आई कमी पूरा कर देगी।
फ्लावरिग के समय में तापमान सामान्य से कम रहने से लोअर बेल्ट और मिडल बेल्ट में फसल प्रभावित होगी। फूल सूखने से सेब की सेटिंग पूरी तरह से प्रभावित हो सकती है। प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले इस बार सेब की पैदावार 60 फीसद गिरने की आशंका है।
बारिश व ओलावृष्टि से हजारों एकड़ फसल बर्बाद पंजाब व हरियाणा के कई जिलों में बारिश, ओलावृष्टि व तेज हवाओं के कारण खेतों में पककर खड़ी गेहूं की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है।
पीड़ित किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। गौरतलब है कि दोनों ही राज्यों गेहूं की फसल तैयार हो चुकी है और किसान उसे काटने के इंतजार में हैं।
पश्चिमी विक्षोभ के चलते तेज हवा के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर कहर बरपा दिया।