उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गंगा स्वच्छता अभियान में खलल डाल रहे होटलों, आश्रमों और उद्योगों को सील करने का आदेश दिया है। आदेश राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिया गया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इसी महीने एक केस की सुनवाई के दौरान गंगा को जीवित नदी का दर्जा दिया था। हाईकोर्ट ने 20 मार्च को एक केस की सुनवाई के दौरान कहा था कि गंगा नदी देश की पहली जीवित नदी है और इसे वे सारे हक मिलने चाहिए जो किसी इंसान को मिलते हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले के मायने ये हुए कि अगर कोई गंगा को प्रदूषित करता है तो उस पर उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी, जो किसी इंसान को नुकसान पहुंचाने पर की जाती है। किसी नदी को ऐसा दर्जा देने का दुनिया में यह दूसरा मामला है। इससे पहले न्यूजीलैंड की एक नदी को वहां की संसद ने ऐसा दर्जा दिया था।