वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि आयकर रिटर्न दायर करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाया गया है, साथ ही स्पष्ट किया कि कृषि आय पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा। वित्त विधयेक 2017 पर चर्चा का जवाब देते हुए अरुण जेटली ने कहा कि नकदी लेनदेन की सीमा को घटाने का निर्णय कालेधन पर लगाम लगाने के लिए लिया गया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव बांड जारी करने का निर्णय चुनावी प्रक्रिया में साफ सफाई एवं पारदर्शिता लाने के मकसद से किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर रिटर्न दायर करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाया गया है। ऐसा देखा गया है कि लोग पांच-पांच पैन कार्ड बनाकर कर चोरी करते थे। इससे कर चोरी करने वालों पर लगाम लगेगी। विमुद्रीकरण के मोदी सरकार के फैसले को पैसे की गुमनामी समाप्त करने वाला कदम करार देते हुए जेटली ने कहा कि इससे छाया अर्थव्यवस्था को खत्म करने के साथ कर का दायरा बढ़ाने, बैंकों की क्षमता बढ़ाने तथा डिजिटल लेन देने को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने आर्थिक विशेषज्ञ मार्टिन ओल्फ द्वारा नोटबंदी के मोदी सरकार के साहसिक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि दो तरह के नेता होते हैं। एक नेता ऐसे होते हैं जो जनता के फायदे के लिए कठोर एवं अलोकप्रिय निर्णय करते हैं और दूसरे नेता ऐसे होते हैं जो स्वयं के लाभ के लिए निर्णय करते हैं। इतिहासकार मोदी सरकार के इस फैसले को देखेंगे जो जनहित में लिया गया है और अब देखते है कि मोदी अगला कौन सा साहसिक फैसला करने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में भाजपा की चुनावी जीत का परोक्ष हवाला देते हुए जेटली ने कहा कि नोटबंदी पर राजनीतिक फैसला आ गया है। यह सभी के सामने स्पष्ट है। नोटबंदी से जीडीपी वृद्धि में 2 प्रतिशत गिरावट आने की विपक्ष की दलील को सिरे से खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बड़े नोटों को अमान्य करने के कदम का मध्यम और दीर्घकाल में अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि छाया अर्थव्यवस्था का धन मुख्यधारा में आ जायेगा। वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने 43 संशोधनों को मंजूरी देते हुए वित्त विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।