अस्पताल में दो बंदी, एक को बेड़ि‍यां और रसूखदार को खुली छूट

महासमुंद, नईदुनिया प्रतिनिधि। सामान्य व हाई प्रोफाइल विचाराधीन बंदी को लेकर पुलिस का दोहरा चेहरा जिला अस्पताल में सामने आया है। करोड़ों रुपए के फर्नेस ऑयल के धोखाधड़ी के बहुचर्चित मामले में जहां एक रसूखदार विचाराधीन बंदी को यहां बिना हथकड़ी के रखा गया है, वहीं एक अन्य मामले के विचाराधीन बंदी के पैर में जंजीर बंधी हुई है। इतना ही नहीं, रसूखदार बंदी के साथ ड्यूटी पर तैनात जवान भी वर्दी के बजाय सामान्य पोशाक में नजर आया।

 

जिला अस्पताल के प्रथम तल के पुरुष वार्ड में फर्नेस ऑयल मामले के विचाराधीन बंदी उमेश साव (35) को 18 फरवरी से भर्ती किया गया है। यहां वह बंदी की बजाय सामान्य मरीज की तरह घूमना-फिरना, उठना-बैठना, मोबाइल पर गेम खेलना आदि करता है।

 

इतना ही नहीं, उसकी सुरक्षा के लिए जो तैनात किया गया है, वह भी वर्दी में नहीं रहता। इसी अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर के मेल वार्ड में आबकारी एक्ट 34-2 का विचाराधीन बंदी तिहारूराम भी भर्ती है। असहनीय दर्द के चलते 5 दिन पहले यहां लाया गया है। उसे पैर में जंजीर बांधकर रखा गया है।

 

 

यहां सुरक्षा में मौजूद जवान भी वर्दी में नजर आया। गौरतलब है कि करोड़ों रुपए के फर्नेश ऑयल की चोरी व धोखाधड़ी के मामले में रायगढ़ जिंदल कंपनी ने करीब 2 साल पहले रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में 15 गिरफ्तार व करीब इतने ही आरोपी फरार हैं। उमेश को वीआईपी इलाज की सुविधा दिलाने पर रायपुर के तीन आरक्षक निलंबित भी हुए थे।

 

सुरक्षा में तैनात जवान को ड्यूटी के दौरान वर्दी में ही रहना है। हथकड़ी परिस्थितियां देखकर लगाते हैं। सुरक्षा में खतरा नहीं है तो हथकड़ी नहीं लगाते। -सुधीर कुजुर, रक्षित निरीक्षक पुलिस लाइन महासमुंद

 

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