प्रति व्यक्ति आय के मामले में मप्र अन्य राज्यों से काफी पीछे है। गोवा, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्य मप्र से बहुत आगे हैं। दो साल पहले तक प्रति व्यक्ति आय के मामले में मप्र 28वें नंबर पर आता था। इसमें मप्र की कृषि विकास दर 25.81 प्रतिशत बताई गई है।
मप्र की प्रति व्यक्ति आय में 16.47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2015-16 में प्रति व्यक्ति आय 62 हजार 334 रुपए थी, जो 2016-17 में बढ़कर 72 हजार 599 रुपए हो गई है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक साल 2012-13 में जिला स्तर पर प्रति व्यक्ति आय इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में सर्वाधिक रही, जबकि झाबुआ, उमरिया, रीवा, टीकमगढ़ और मंडला जैसे आदिवासी जिलों में न्यूनतम स्तर पर रही।
दूसरी तरफ, राज्य के जीडीपी ग्रोथ रेट में भी इजाफा होने की संभावना है। 2016-17 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 12.21 प्रतिशत रहने के आसार हैं, जबकि 2015-16 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.97 प्रतिशत की थी। सकल जिला उत्पाद की वृद्धि भोपाल, जबलपुर, बड़वानी और हरदा में 10 प्रतिशत से ज्यादा रही। वहीं शहडोल, नरसिंहपुर, बालाघाट और दमोह में यह वृद्धि दर 7 प्रतिशत से भी कम रही।
हर व्यक्ति पर करीब 18 हजार स्र्पए का कर्ज
मप्र में हर व्यक्ति पर करीब 18 हजार रुपए का कर्ज है। जो भारत के कुल औसत के मुकाबले काफी कम है। भारत में प्रति व्यक्ति 50 हजार 707 रुपए का कर्ज है।
राजस्व बढ़ा
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक 2016-17 में राजस्व प्राप्तियां बढ़ने की संभावना है। राज्य को 1 लाख 26 हजार करोड़ का राजस्व मिलने का अनुमान है। जो पिछले साल से 19 प्रतिशत अधिक है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य की अर्थव्यवस्था में 2015-16 में कृषि क्षेत्र का योगदान 23.90 प्रतिशत है।