बिहार बजट आज : कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य पर रहेगा खास जोर

पटना : बिहार राज्य का बजट 27 फरवरी (सोमवार) को विधानमंडल में पेश होने जा रहा है. इस बार का बजट कई मायने में बेहद महत्वपूर्ण होगा. डेढ़ लाख करोड़ का बजट पहली बार राज्य सरकार पेश करने जा रही है. वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट एक लाख 55 हजार करोड़ से ज्यादा और एक लाख 60 हजार करोड़ से कम का होगा जो चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 के एक लाख 41 हजार करोड़ से 10-12 फीसदी ज्यादा के होने का अनुमान है.

 

इसके अलावा नये बजट में पहली बार योजना और गैर-योजना आकार का अंतर समाप्त हो जायेगा. अब नये बजट में सभी योजनाएं के लिए पैसे ‘कैपिटल एक्सपेंडिचर’ के रूप में आवंटित किये जायेंगे. राज्य में योजना आकार जैसी बात देखने को नहीं मिलेगी. इसी तरह वेतन, पेंशन समेत अन्य गैर-योजनागत खर्चों को ‘कमिटेड एक्सपेंडिचर’ के रूप में दिखाया जायेगा. यह बदलाव केंद्र के निर्देश के बाद किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने ही योजना और गैर-योजना आकार का अंतर समाप्त कर दिया है.

 

 

इसके अलावा केंद्र ने योजना आयोग को भंग कर दिया है. इस कारण पंचवर्षीय योजना का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है. अब पैसे सीधे राज्यों को आवंटित किये जायेंगे. तमाम केंद्र प्रायोजित योजनाओं में मिलने वाले आवंटन या ग्रांट में रुपये सीधे राज्यों को नीति आयोग की अनुशंसा के बाद मिलेंगे. इस बार राज्य के बदले स्वरूप वाले इस बजट में किसी तरह का कोई नया टैक्स तो लगाने की योजना राज्य सरकार की नहीं है, लेकिन आय के संसाधनों को विकसित करने के लिए राज्य कुछ ठोस पहल कर सकता है. इसका सीधे तो नहीं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से आम जनता पर इसका प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि बजट पेश होने के बाद ही इस बारे में स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.

 

 

 

नये बजट में शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करने की संभावना है. इसके बाद कृषि, स्वास्थ्य, उद्योग, सामाजिक प्रक्षेत्र में विशेष प्रावधान करने की संभावना है. सात निश्चय योजना के अंतर्गत आने वाले सभी विभागों के लिए खासतौर पर आवंटन किया जायेगा. इसके लिए ऐसे पहले से ही प्रावधान किया हुआ है, लेकिन नये बजट में कई योजनाओं के लिए खासतौर से आवंटन जारी किया जा सकता है.

 

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