नोटबंदी से आवासीय क्षेत्र को हुआ बड़ा नुकसान

नई दिल्ली। साल 2016 की चौथी तिमाही नोटबंदी के चलते रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बीते तीन वर्ष की सबसे खराब तिमाही साबित हुई है। निवेशकों की अवधारणा पर तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 की पहली छमाही के मुकाबले आखिरी तिमाही में स्थितियां ज्यादा खराब हुई हैं।


रियल एस्टेट सेक्टर की जानी मानी एजेंसी नाइट फ्रैंक के मुताबिक निवेशकों की प्रतिक्रिया के आधार पर तैयार किया जाने वाला सेंटीमेंट इंडेक्स न्यूनतम 50 अंक से नीचे उतरकर 41 पर आ गया है।


देश में रियल एस्टेट के हालात पर नाइट फ्रैंक की यह रिपोर्ट बताती है कि फिलहाल आगे की स्थिति भी बहुत अधिक स्पष्ट नहीं है। खासतौर पर आवासीय क्षेत्र की रफ्तार बढ़ने में अभी और वक्त लगेगा।


अक्टूबर से दिसंबर, 2016 की तिमाही में नोटबंदी के चलते बाजार में अनिश्चितता इतनी अधिक बढ़ गई कि निवेशकों ने यहां से पूरी तरह मुंह फेर लिया। रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश करने वालों के मुताबिक यह वर्ष के पहले छह महीने की तुलना में बेहद खराब स्थिति थी।


हालांकि निवेशकों को अब भी उम्मीद है कि देर-सबेर स्थिति में सुधार होगा। धीमे-धीमे ही सही आवासीय क्षेत्र की रफ्तार में वृद्धि दिखने लगेगी। रिपोर्ट के मुताबिक अगर सरकार नोटबंदी के बाद आवासीय क्षेत्र में उठाए जाने वाले संभावित सुधारों व कदमों पर गंभीरता से अमल करती है तो स्थिति तेजी से बेहतर हो सकती है। निवेशकों को उम्मीद है कि अगले छह महीने में सरकार की तरफ से बजट में घोषित प्रावधानों के अमल पर कदम आगे बढ़ने चाहिए।


अलबत्ता अक्टूबर से दिसंबर के दौरान निवेशकों के रुख को बताने वाली यह रिपोर्ट बताती है कि शीर्ष आठ शहरों में आवासीय प्रॉपर्टी की बिक्री में 40 फीसद की गिरावट आई है। यह गिरावट 2016 की तीसरी तिमाही के मुकाबले आई है। ग्लोबल वित्तीय संकट के बाद इस गिरावट ने 2016 को रियल एस्टेट के मामले में सबसे खराब साल में तब्दील कर दिया है।


रिपोर्ट के मुताबिक 59 फीसद निवेशक मानते हैं कि आने वाले छह महीने में आवासीय क्षेत्र की तस्वीर बदल सकती है। 45 फीसद का मानना है कि सुधार के बावजूद रियल एस्टेट क्षेत्र में कीमतें स्थिर रहेंगी। जबकि 26 फीसद मानते हैं कि कीमतों में और कमी हो सकती है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *