दंतेवड़ा/बचेली। सामाजिक कार्यकर्ता और आम आदमी पार्टी की नेत्री सोनी सोरी ने 29 जनवरी को किरंदुल के हिरोली-पुरंगेल जंगल में हुए मुठभेड को फर्जी बताया है। बैलाडिला पहाड़ी के नीचे बसे गांव का दौरा कर लौटी सोनी ने मारी गई महिला नक्सली के साथ अनाचार किए जाने और उसके आंख निकालने का आरोप भी पुलिस पर लगाया है। उसने मीडिया से चर्चा में कहा कि ग्रामीणों ने शव का अंतिम संस्कार नहीं कर दोबारा पोस्टमार्टम के लिए सुरक्षित रखा है।
पुलिस ने 29 जनवरी को किरंदुल थाना क्षेत्र के हिरोली-पुरंगेल जंगल में एक महिला सुकमती उर्फ सुक्की और एक पुरुष भीमा कड़ती नामक नक्सली को मार गिराया था। उनके पास से पुलिस ने हथियार, दवा और अन्य नक्सल साहित्य बरामद करने के साथ सप्लाई कमेटी का डिप्टी कमांडर व सदस्य होना बताया था। घटना के करीब एक पखवाड़े बाद सोनी सोरी ने पुलिस पर इस मामले में गंभीर आरोप लगाए हैं। सोनी के मुताबिक वह 30 किमी पैदल यात्रा कर मृत युवक-युवतियों के गांव से लौटी है। ग्रामीणों ने उनके शव का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं किया है।
सोनी के अनुसार युवक-युवती नक्सली नहीं हैं और युवती नाबालिग है। 28 जनवरी को दोनों बाजार से लौट रहे थे तभी फोर्स उन्हें रास्ते से पकड़कर ले गई। ग्रामीणों ने भी बताया कि उनका नक्सलियों से कोई संबंध नहीं है। सोनी सोरी ने आशंका जताई है कि नाबालिग सुकमती के साथ अनाचार हुआ है। दोनों शव के आंख भी निकाल लिए गए हैं। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते कहा है कि अब आदिवासियों को मारने के साथ ही उनके अंगों को बेचने का व्यापार भी पुलिस करने लगी है।
दोबारा पोस्टमार्टम के लिए न्यायालय जाएंगी
सोनी सोरी ने कहा है कि आदिवासियों को न्याय दिलाने और शवों के दोबारा पोस्टमार्टम के लिए वह न्यायालय जाएंगी। उन्होंने बताया कि भीमा की तीन छोटी बेटियां हैं। एक पुत्री अभी एक माह की भी नहीं हुई और उसका अभी नामकरण भी नहीं हुआ है। वहीं सुक्की की सगाई की तैयारी चल रही थी। फोर्स बेगुनाहों को मारकर मुठभेड का नाम दे रही है।
प्रभारी आईजी सुंदरराज पी से सीधी बात
सवाल- सोनी सोरी हिरोली-पुरंगेल मुठभेड़ को फर्जी बता रही हैं ?
जवाब- पुलिस की मंशा आम नागरिक को मारने की नहीं होती है, आरोप लगाना दीगर बात है।
सवाल- अनाचार करने, अंग निकालने के आरोप भी उन्होंने पुलिस पर लगाए हैं ?
जवाब- इस प्रकार का आरोप भ्रामक है। फिर भी इसकी जांच करवाएंगे।
सवाल- सुश्री सोरी दोबारा पोस्टमार्टम करवाने की मांग कर रही हैं ?
जवाब- प्रत्येक मुठभेड़ में तय प्रक्रिया के अनुसार पोस्टमार्टम होता है। शिकायत मिलने पर मजिस्ट्रेट जांच हो सकती है।
सवाल- ग्रामीणों ने अब तक शवों को नहीं दफनाया है ?
जवाब- इस बात की जानकारी नहीं है।