गुजरात: बच्चों के लिए क्लास फर्स्ट से अंग्रेजी की मांग ने पकड़ा जोर

अहमदाबाद। देश में अंग्रेजी के बढ़ते चलन को देखते हुए अभिभावक अपने बच्चों को अंग्रेजी सीखने और पढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। गुजरात के प्राइमरी स्कूलों में अब पहली कक्षा से ही अंग्रेजी की शिक्षा अनिवार्य करने की मांग अभिभावकों की तरफ से जोर पकड़ रही है।

 

शिक्षाविदों का कहना है कि बच्चों के लिए पहली कक्षा में अंग्रेजी की मांग निम्न मध्य वर्ग की अोर से की जा रही है। वे अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ाने की ख्वाहिश रखते हैं।

 

अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में बच्चों का दाखिला करने का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है। औसतन देखा जाए तो राज्य में करीब 50 गुजराती माध्यम के स्कूल बंद हो गए हैं और 300 के करीब नए अंग्रेजी माध्यम के प्राइमरी स्कूल का संचालन शुरू हुआ है।

 

सूत्रों की मानें को साल 2002 में नरेंद्र मोदी सरकार ने पहली कक्षा से अंग्रेजी विषय शुरू करने का फैसला किया था, लेकिन दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बाद ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

 

शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए गुजरात परिषद के निदेशक एम आई जोशी ने कहा कि इस समय बच्चों को अंग्रेजी तीसरी क्लास से पढ़ाई जाती है। अगर जल्द ही क्लास वन से अंग्रेजी शुरू नहीं की गई तो अभिभावकों का सरकारी स्कूलों से भरोसा उठ जाएगा और वो अंग्रेजी के लिए अपने बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में करना शुरू कर देंगे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *