दिल्ली की जाम से हर वर्ष धुएं में उड़ जाते हैं 60 हजार करोड़ रुपये

क्या आपको पता है दिल्ली की सड़कों पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से हमे कितना नुकसान होता है। दिल्ली कै ट्रैफिक से उत्पन्न प्रदूषण, धुआं हमारे शरीर को तो हानि पहुंचाता ही है साथ ही हमारी जेब पर भी चपत लगाता है। जी हैं ये सच है। सड़क पर लगने वाले जाम की वजह से हर साल 60 हजार करोड़ की चपत लगती है और ये हम नहीं कह रहे। बल्कि मद्रास आईआईटी की एक स्टडी रिपोर्ट से ये बात सामने आई है।


एक अंग्रेजी अखबार की वेबसाइट पर चल रही खबर के मुताबिक, दिल्ली की सड़कों पर लगने वाले जाम की वजह से गाड़ियों का ईंधन, उत्पादकता की हानि, वायु प्रदूषण और सड़क दुर्घटनाओं में बेहताशा वृद्धि होती है, जिसकी कुल कीमत 60 हजार करोड़ रुपये सलाना है।


रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि दिल्ली में दिन-ब-दिन जिस तरह से गाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है उससे 2030 तक नुकसान का ये आंकड़ा 98 हजार करोड़ तक पहुंच सकता है। स्टडी के मुताबिक ट्रैफिक जाम में बसों में सफर करने वाले यात्रियों के फंसने से उत्पादकता की हानि होती है जो कुल हानि का करीब 75 प्रतिशत है।


पिछले सालों में दिल्ली में सड़कों और फ्लाइओवर्स की संख्या बढ़ने के बावजूद सड़कों पर ट्रैफिक कम नहीं हो पा रहा है। पीक ऑवर्स की परिभाषा बदलकर अब सुबह 9 बजे से रात के 9 बजे तक हो गई है। ट्रैफिक का सबसे बुरा हाल गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद को जोड़ने वाली सड़क पर होता है।


बता दें कि 2012 में आईआईएम कोलकाता की ओर से की गई एक स्टडी के मुताबिक पूरे नेशनल हाईवे नेटवर्क पर जाम की वजह से एक साल में 60 हजार करोड़ का नुकसान होता है। लेकिन अब नुकसान का ये आंकड़ा सिर्फ एनसीआर में इतना हो गया है।

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