जिनके घर शौचालय, उन्हीं किसानों का गेहूं खरीदेगी सरकार

श्योपुर (मध्यप्रदेश)। जिन किसानों के घरों में शौचालय नहीं और जो खुले में शौच करने जाते हैं, ऐसे किसानों से सरकार गेहूं नहीं खरीदेगी। समर्थन मूल्य पर मध्यप्रदेश सरकार उन्हीं किसानों का गेहूं खरीदेगी जिनके घर में शौचालय होगा। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के रजिस्ट्रेशन करवाते समय ही किसान को घर में शौचालय होने का प्रमाणीकरण देना होगा, तभी उसका पंजीयन होगा। यह पूरी कवायद हर घर में शौचालय बनाने की मुहिम के तहत की जा रही है।

 

हर घर में शौचालय बनें इसके लिए सरकार और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रही है। जिनके घरों में शौचालय नहीं है, उनको राशन, बिजली और पानी बंद करने की चेतावनी खुद कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल दे रहे हैं। इसी के अगले चरण में समर्थन मूल्य खरीदी को चुना गया है।

 

समर्थन मूल्य पर जिले के 28 हजार से ज्यादा किसान गेहूं बेचते हैं। इनमें से अधिकांश किसानों के घरों में शौचालय नहीं है। इसीलिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने तय किया है कि इस बार उन किसानों का गेहूं नहीं खरीदा जाएगा, जिनके घर में शौचालय नहीं बने। ऐसे किसानों को व्यापारियों को औने-पौने दामों पर अपना अनाज बेचना पड़ेगा।

 

शौचालय वालों को ही आएंगे मैसेज

जिले में 34 खरीद केन्द्र बनाए गए हैं, जहां समर्थन मूल्य पर खरीदी होनी है। इन्हींं 34 सेंटरों पर समर्थन मूल्य खरीदी का पंजीयन किया जा रहा है। पंजीयन करते समय किसानों से यह घर में शौचालय होने का प्रमाणीकरण लिया जाएगा। यह प्रमाणीकरण ग्राम पंचायत द्वारा सत्यापित होगा।

 

जो किसान घर में शौचालय होने का प्रमाणीकरण देंगे उन्हीं के मोबाइल पर गेहूं बेचने का मैसेज आएगा। किसानों के पंजीयन का काम सभी 34 सोसायटियों पर बुधवार से शुरू हो रहा है तो 14 फरवरी तक चलेगा।

 

सरकारी गोदाम भरें, इसलिए साइलो पर रोक

प्रदेश सरकार ने इस साल साइलो सेंटर पर गेहूं खरीदी पर रोक लगा दी है। अब केवल कृषि उपज मंडियों और सहकारी समितियों पर गेहूं की खरीदी होगी। साइलो सेंटर पर लगी रोक के पीछे कारण बताया जा रहा है कि पिछले तीन साल से सरकारी गोदाम खाली रह रहे थे। पूरा गेहूं साइलो सेंटरों पर रखा जा रहा था।

 

इस कारण सरकारी गोदामों का खर्च उतना ही हो रहा था और साइलो सेंटर का खर्च अलग हो रहा था। सरकारी गोदामों को भरने और खर्च से बचने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

 

नरवाई जलाई तो एफआईआर

गेहूं की फसल काटने के बाद खेतों में रह जाने वाले पौधों के डुंड नरवाई को नष्ट करने के लिए किसान खेतों में आग लगा देते हैं। कृषि के जानकार इसे खेतों के लिए नुकसानदायक मानते हैं। इसके अलावा नरवाई की आग से कई बार बड़े हादसे हो चुके हैं। इसे रोकने के लिए भी कलेक्टर अग्रवाल सख्त हैं।

 

उन्होंने कहा है कि नरवाई को नष्ट करने के लिए खेतों में आग लगाने वालों पर धारा 181 के तहत कार्रवाई होगी। कलेक्टर केअनुसार ऐसे लोगों की सूचना देने वालों को 1100 रुपए का इनाम दिया जाएगा। कलेक्टर के अनुसार नरवाई को जलाने की बजाय खेत की गुड़ाई करके उने मिट्टी में दबाया जाए। इसके लिए वह किसानों को कृषि विभाग से आर्थिक मदद भी दिलाएंगे।

 

जिन किसानों के घर में शौचालय होंगे, उन्हीं का पंजीयन किया जाएगा। किसानों को पंजीयन कराने के लिए शौचालय का प्रमाणीकरण देना होगा। जिनके घरों में शौचालय नहीं उनके गेहूं समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदे जाएंगे। यह आदेश भोपाल से भी आ चुके हैं। – सूरजपाल सिंह कुशवाह, जिला आपूर्ति अधिकारी, श्योपुर

 

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