आम आदमी कैंटीन की क्षमता 2000 लोगों को प्रतिदिन भोजन मुहैया कराने की है। सरकार को इसके संचालन में 10 लाख रुपये प्रति माह खर्च करने होंगे। मरीजों को उपलब्ध कराया जाने वाला मुफ्त भोजन अस्पताल की पहले से संचालित कैंटीन से ही मिलेगा। आम आदमी कैंटीन में दाल, चावल, सब्जी और दो रोटी शामिल है। जनता के सुझावों के आधार पर बदलाव किया जा सकता है।
दिल्ली सरकार द्वारा पहले से संचालित जनआहार योजना में 18 रुपये में भोजन मिलता है। शीला दीक्षित सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट, कश्मीरी गेट बस अड्डा और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन सहित लगभग 100 स्थानों पर संचालित जनआहार स्टॉल पर लोगों को भोजन में दो पूड़ी, सब्जी, दाल और चावल मिलता है।
कैंटीन पूरी तरह स्वचालित यंत्रों से लैस है। इसमें भोजन बनाने के दौरान पूरा काम मशीनों से होता है। किचन में खाद्य सामग्री को हाथ लगाने की कोई जरूरत ही नहीं है। इससे भोजन की शुद्धता और सफाई को बरकरार रखना मुमकिन हो सकेगा। इसका संचालन फिलहाल अस्पताल प्रशासन करेगा। बाद में कैंटीन योजना का विस्तार होने पर संचालन स्वास्थ्य विभाग अपने हाथों में ले सकता है।
सरकार का मानना है कि स्वास्थ्य विभाग के कुल 4000 करोड़ रुपये के बजट में अगर 100-200 करोड़ रुपये साफ भोजन पर खर्च किए जाएं तो खराब खाना से बीमार होने वाले लोग अस्पताल आने से बच जाएंगे।