सन् 2016 का आखिरी दिन था. हमारे युग की माया यानी टीवी का पर्दा था. पर्दे पर देश का सबसे बड़ा जादूगर था. कुल 43 मिनट का मैजिक शो था. सारे देश के साथ-साथ मैं भी देख रहा था.
आज रहस्य खुलने वाले थे, देश सच का सामना करने वाला था. पचास दिन पहले प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की थी, जनता से कुछ तकलीफ झेलने की अपील की थी.
विपक्षी दल कुछ भी कहते रहे मगर जनता ने अपनी दुख-तकलीफ भुला कर नोटबंदी का समर्थन किया. प्रधानमंत्री ने 50 दिन मांगे, जनता ने दिल खोल कर दिए.
अपने किसी लालच में नहीं, बल्कि इस उम्मीद में कोई तो देश से काले धन को निकालने की कोशिश कर रहा है. आज पचास दिन के बाद हिसाब देने का वक्त था.
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