नोटबंदी: सिर्फ दो महीनों में देश से 12 लाख करोड़ रुपए ले गए NRI!

एक तरफ सरकार का दावा है कि विदेशों में मौजूद भारतीय देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बेहद मददगार साबित हो रहे हैं। हालांकि आंकड़ों पर नज़र डालें तो स्थिति उलटी ही नज़र आ रही है। बीते साल के अक्टूबर-नवंबर महीनों में प्रवासी भारतीय (NRI) ने देश से 17 अरब डॉलर करीब 12 लाख करोड़ रुपए की बड़ी रकम यहां से वापस ले गए हैं। बता दें कि इसी से रुपए पर दबाव बढ़ता जा रहा है और वह सितंबर 2013 के लेवल पर पहुंच गया।

क्या है मामला
एक अंग्रेजी बिजनेस अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक बैंकरों ने आंकड़ा जारी किया है कि अक्टूबर-नवंबर में एनआरआई ने फॉरेन करंसी नॉन-रेजिडेंट बैंक यानी (एफसीएनआर-बी) को भुनाया है जो कि एक बड़ा अमाउंट है। 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले बाद NRI का भारतीय अर्थव्यवस्था में भरोसा कम हुआ है और उन्होंने सिर्फ इसी एक महीने में 11.43 अरब डॉलर का कुल डिपॉजिट भुना लिया। ये अब तक की किसी एक महीने में NRI कि तरफ से निकाली गई सबसे बड़ी रकम है।


क्या कहते हैं जानकर
केयर रेटिंग्स के चीफ इकनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने अंग्रेजी अखबार को बताया- एफसीएनआर-बी डिपॉजिट वाला पैसा तो बाहर जाना ही था। इसे दो-तीन महीनों के दौरान भुनाया गया। अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते भी काफी डॉलर देश से गए। ऐक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य के मुताभिक पिछले साल सितंबर से नवंबर के बीच एफसीएनआर डिपॉजिट का 19 अरब डॉलर देश से बाहर गया। इसकी उम्मीद पहले से थी। रिजर्व बैंक ने इस मद में 20 अरब डॉलर के देश से बाहर जाने का अनुमान लगाया था। इतनी बड़ी रकम निकाले जाने के बावजूद रुपया स्टेबल रहा। इसके लिए आरबीआई की तारीफ की जानी चाहिए। उन्होंने कहा- हमें लग रहा है कि डॉलर और मजबूत होगा। इससे रुपये की वैल्यू में धीरे-धीरे कमी आएगी।

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