40 खरब पर आयकर की नजर

नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गई कुल राशि में चार लाख करोड़ (40 खरब) रुपये पर आयकर की नजर है। विभाग ने इस राशि पर कर चोरी का संदेह जताया है। यह धन 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों में जमा कराया गया है। आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि ऐसे मामलों में नोटिस भेजे जाएंगे। हमारे पास काफी आंकड़े हैं।


इनके विश्लेषण से पता चला है कि नोटबंदी के बाद 60 लाख से अधिक बैंक खातों में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा हुई। जबकि इस दौरान कुल 7.34 लाख करोड़ रुपये की राशि बैंक खातों में जमा कराई गई। उन्होंने कहा कि वे खाते भी खंगाले जाएंगे जिनमें बिना पैन नंबर 50 हजार रुपये से अधिक राशि जमा कराई गई। 6.80 लाख खातों का सरकार के पास उपलब्ध डाटाबेस से मिलान हो चुका है।


जनधन खातों का ‘चिट्ठा’ खुलेगा
जनधन खातों में भी जमा राशि का विश्लेषण कर लिया गया है। इसका ब्योरा आयकर विभाग के साथ साझा किया गया है। ऐसे बैंक खातों में प्राप्त खुफिया रिपोर्टों को ध्यान में रखते हुए एक लाख रुपये से अधिक नकद जमा पर गौर किया जाएगा।
वरिष्ठ अधिकारी, आयकर विभाग


दिल्ली में छह लाख के नकली नोट
दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के बिंदापुर से पुलिस ने दो लोगों को 6 लाख 10 हजार 500 रुपये के नए नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपी करीब 45 हजार रुपये के नकली नोट बाजार में चला भी चुके हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी सोमवार को एटीएस ने की। डीसीपी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि दोनों की पहचान आशीष उर्फ केजू और कृष्ण भारद्वाज उर्फ नेताजी के रूप में हुई है। कृष्ण फोटो शॉप, कोरल ड्रॉ जैसे सॉफ्टवेयर का जानकार है जबकि आशीष मोबाइल रिपेयरिंग जानता है।


पुलिस के मुताबिक, दोनों ने नोट छापने के लिए बेहद उन्नत तकनीक के प्रिंटर और स्कैनर का इस्तेमाल किया था। जांच में सामने आया है कि इस गिरोह में कुछ और लोग भी शामिल हैं। जिनकी तलाश जारी है। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने पहले 5000 रुपये के नकली नोट छापे थे। जब ये नोट बाजार में आसानी से चल गए तो इन्होंने करीब 40 हजार रुपये के और नोट बाजार में चला दिए।

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