बचपन, जीवन के उन खुशनुमा पलों में से एक होता है जब इंसान बेफिक्रियों के बादलों में घिरा होता है। इन पलों में बाल मजदूरी करना उनके लिए एक सजा है। देश में बाल मजदूरी को रोकने के लिए ढेरों नियम-कानून बनाए गए हैं, इसके बावजूद बाल मजदूरी आंकड़ों के आंकड़ों में कमी नहीं आई है।
ये ऐसा गैरकानूनी कृत्य है, जो बच्चों को बड़ों की तरह जीने पर मजूबर करता है। इसकी वजह से बच्चों में शारीरिक, सामाजिक विकास की कमी हो जाती है। हाल ही में देश के तेलंगाना राज्य से बाल मजदूरी का पर्दाफाश हुआ है, जहां से करीब 200 बच्चों को छुड़ाया गया।