नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद प्रतिबंधित 500 व 1000 रुपए के कितने नोट और धनराशि बैंकों में वापस आए, यह अभी तक रहस्य बना हुआ है। गैर सरकारी एजेंसियां अपना-अपना आकलन कर रही हैं। बताया जा रहा है कि 95 से 97 फीसद तक प्रतिबंधित नोट वापस आ चुके हैं। यह निश्चित तौर पर सरकार की उम्मीदों से काफी ज्यादा है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि अभी तक भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है।
हालांकि रिजर्व बैंक ने गुरुवार को यह जरूर सफाई दी है कि वापस लौटे नोट और धनराशि की गिनती जारी है और जल्द से जल्द इसके आंकड़ों का खुलासा किया जाएगा।
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कुछ जगहों पर वापस लौटे नोटों को लेकर कई तरह के आंकड़े दिए जा रहे हैं। केंद्रीय बैंक की तरफ से समय-समय पर लौटाये गये प्रतिबंधित नोटों के जो आंकड़े दिए गए हैं, वे विभिन्न करेंसी चेस्टों की तरफ से दी गई सूचनाओं पर आधारित है।
अब जबकि नोटबंदी प्रक्रिया 30 दिसंबर 2016 को पूरी हो चुकी है तो वापस लौटे रकम का मिलान भौतिक रूप से किया जाना बाकी है ताकि दोहराव व गलतियों से बचा जा सके। यह काम शुरू हो चुका है और केंद्रीय बैंक की कोशिश है कि जल्द से जल्द वापस आए नोटों के बारे में सूचना जारी हो सके।
रिजर्व बैंक ने आधिकारिक तौर पर वापस आए नोटों के बारे में 10 दिसंबर के बाद से कोई सूचना जारी नहीं की है। तब बताया गया था कि 12.44 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोट आ चुके हैं।
हालात यह है कि नोटबंदी लागू होने के दिन यानी आठ नवंबर को बाजार में कितने पुराने नोट प्रचलन में थे, इसका अभी तक कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं मिला है।
केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने बताया कि बाजार में 500 व 1000 रुपए के 14.95 लाख करोड़ रुपए की राशि है। लेकिन बाद में यह बताया गया कि यह राशि 15.44 लाख करोड़ रुपए की है।
बहरहाल, गुरुवार को एक न्यूज एजेंसी ने आरबीआइ के साप्ताहिक आंकड़ों की छानबीन करने के बाद यह रिपोर्ट दी है कि भारतीय बैंकों में 30 दिसंबर तक 14.97 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोट वापस आ गये थे।
इसी तरह से एक प्रतिष्ठित एजेंसी बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपनी रिपोर्ट यह बात कही है कि बाजार में जितने प्रतिबंधित नोट थे, उसमें से 50 हजार करोड़ रुपए छोड़कर बाकी सभी नोट वापस बैंकों में जमा हो चुके हैं।