सियासी दलों के गुप्त चंदे पर रोक लगे

चुनावों में कालेधन के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने की कवायद में जुटे चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से कानून में संशोधन की सिफारिश की है। आयोग ने सियासी दलों को दो हजार रुपये और इससे ज्यादा दिए जाने वाले गुप्त चंदे पर रोक लगाने की मांग की है।

ऐसी पार्टियों को छूट हो: प्रस्तावित संशोधन चुनाव सुधार पर आयोग की सिफारिशों का हिस्सा है। उसने यह भी सुझाव दिया है कि चंदे में आयकर छूट ऐसी ही पार्टियों को दी जानी चाहिए जो चुनाव लड़ती हैं और सीटें जीतती हैं।

जानकारी देना अनिवार्य हो: आयोग ने अन्य सिफारिशों में कानून मंत्रालय से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि राजनीतिक दलों को सुप्रीम कोर्ट के 1996 के आदेश के तहत सभी धनराशि के कूपन के बदले चंदा देने वालों की जानकारी दर्ज कराना जरूरी बनाया जाए। कूपन चंदा लेना दलों द्वारा ईजाद किए गए तरीकों में से एक है जिसके जरिए वे चंदा लेते हैं। इसलिए वे इनका मुद्रण स्वयं करते हैं। इसकी कोई सीमा नहीं है। कितने भी कूपनों का मुद्रण किया जा सकता है।

कोई रोक नहीं: राजनीतिक दलों द्वारा गुप्त चंदा प्राप्त करने पर कोई संवैधानिक या वैधानिक पाबंदी नहीं है। जनप्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 29सी के तहत चंदों की घोषणा जरूरी होने के तहत गुप्त चंदों पर अप्रत्यक्ष आंशिक निषेध है। किन्तु इस प्रकार की घोषणा 20 हजार रुपये से अधिक के योगदान पर करनी होती है।

ज्यादा चंदा नकद आया
2004 से 2015 के बीच हुए विभिन्न विधानसभा चुनावों के दौरान सियासी दलों ने कुल 3368.06 करोड़ रुपये जमा किया था, इसमें 63 फीसदी हिस्सा नकद आया।

देशभर में नए नोटों की बरामदगी जारी
नोटबंदी के बाद कालेधन के खिलाफ जारी मुहिम में देशभर में नए नोटों की बरामदगी हो रही है। एजेंसियों की जानकारी के मुताबिक, रविवार को विजयनगरम, अमृतसर, पानीपत, अमहदाबाद सहित कई क्षेत्रों में करीब 76 लाख बरामद हुए, जिनमें बड़ी मात्रा नए नोटों की है।

2700 करोड़ का सोना बिका
नोटबंदी के बाद हैदराबाद में ही करीब 2700 करोड़ रुपये का सोना खरीदा गया है। यह खरीद 8 नवंबर से लेकर 30 नवंबर के बीच हुई है।

वेनेजुएला ने प्रदर्शन के बीच नोटबंदी पर फैसला टाला
वेनेजुएला में विरोध बढ़ने के साथ समस्या में घिरे राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने देश में बड़े नोटों को चलन से हटाने का फैसला दो जनवरी तक टाल दिया है। मादुरो ने कहा कि 100 बोलिवर का नोट अस्थायी रूप से वैध मुद्रा बनी रहेगी। इसका उपयोग खरीद और अन्य कामों में कर सकते हैं।

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