नई दिल्ली। पुराने समय से ही भारत में साल ओर सियाली के पत्तों से बनने वाली पत्तलों का चलन है लेकिन वक्त के साथ यह पीछे छूट रही हैं। जहां भारत में इनका उपयोग कम हुआ है वहीं दुनिया अब इन्हें खुशी-खुशी अपनाने लगी है।
यूरोपीय देशों में आसानी से डिकम्पोज हो सकने वाली इन ईको फ्रेंडली पत्तलों का चलन तेजी से बढ़ा है और एक स्टार्टअप कंपनी ने इनका प्रचार और प्रोडक्शन शुरू किया है। यहां तक की यूरोप की कुछ बड़ी होटल्स ने भी भारत से इन पत्तलों का आयात शुरू किया है।
उड़ीसा के भुवनेश्वर में रहने वाली ट्रायबल लोगों के लिए यह रोजी का जरिया भी बन गया है। इस साल मई में यूरोप की होटल्स ने उड़ीसा से पत्तलों के आयात की डील की थी। डील करने वाली जर्मन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार क्लाइमेट चेंज के लिए किए गए पेरिस एग्रीमेंट में लंबे समय के पर्यावरण स्थायित्व की बात कही गई है।