सु्प्रीम कोर्ट ने देश भर के स्कूली बच्चों को मादक पदार्थों के सेवन से दूर रखने के लिए छह माह के भीतर राष्ट्रीय कार्य योजना बनाने का केंद्र सरकार को निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर एवं न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह छह माह के भीतर ऐसी राष्ट्रीय कार्ययोजना तैयार करे जिसमें स्कूली बच्चों को मादक पदार्थों के सेवन से बचाने के उपाय सुझाये गये हों।
पीठ की ओर से न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार को चार माह के भीतर यह सर्वेक्षण कराने का भी निर्देश दिया कि स्कूली बच्चों द्वारा मादक पदार्थों का किस प्रकार और किस हद तक इस्तेमाल किया जा रहा है? न्यायालय ने मादक पदार्थों और इसके दुष्प्रभावों के बारे में स्कूली बच्चों को जागरूक बनाने के लिए इससे संबंधित पहलुओं को पाठ्यक्रमों में शामिल करने की भी सलाह दी है।