बिलासपुर, ब्यूरो। हाईकोर्ट ने राज्य बनने के बाद गायब हुए नाबालिग बालक व बालिकाओं की तलाश के लिए कमेटी बनाने का आदेश दिया है। कमेटी में सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सीआईडी सदस्य होंगे। यह कमेटी मामले की जांच कर पुलिस को कार्रवाई का निर्देश देगी। हाईकोर्ट ने प्रदेश में गायब हुए नाबालिग बच्चों के संबंध में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए शासन को नोटिस जारी किया था।
इसमें प्रदेश में गायब नाबालिगों के संबंध में जानकारी मांगी गई थी। नोटिस पर सरकार ने जवाब प्रस्तुत कर बताया कि पिछले 16 वर्ष में प्रदेश भर से लगभग 1179 नाबालिग गायब हैं। उनकी तलाश के लिए सभी थानों में अलग से कमेटी बनाई गई। इसके तहत ऑपरेशन मुस्कान चलाया गया है। ऑपरेशन मुस्कान में शामिल कर्मचारियों से दूसरा कोई काम नहीं लिया जा रहा है। मामले को सुनवाई के लिए सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता की डीबी में रखा गया।
सुनवाई के दौरान गायब बच्चों में बालिकाओं की संख्या अधिक होने पर कोर्ट ने चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि बालिकाएं कई तरह के शोषण का शिकार हो सकती हैं। उनकी तलाश के लिए कमेटी बनाने का आदेश दिया।
कमेटी में सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सीआईडी सदस्य होंगे। कमेटी के सदस्य नाबालिग के गायब होने के संबंध में जांच करने के बाद उनकी बरामदगी के लिए पुलिस को दिशा-निर्देश जारी करेगी। पुलिस निर्देश के अनुसार गायब नाबालिग की बरामदगी की कार्रवाई करेगी।
राज्य बनने के बाद 795 बालिकाएं हुई हैं गायब
राज्य बनने के बाद प्रदेश में 17 वर्ष तक की आयु के 1179 नाबालिग गायब हुए हैं। इसमें 13 वर्ष तक के बालकों की संख्या 170, 13 वर्ष तक के नाबालिग बालिकाओं की संख्या 95, 13 से 17 वर्ष के बालकों की संख्या 244 और 13 से 17 वर्ष की नाबालिग बालिकाओं की संख्या 670 है। इस तरह बालिकाओं की संख्या सर्वाधिक 795 है। हाईकोर्ट के निर्देश पर कमेटी बनने के बाद गायब नाबालिगों की तलाश में तेजी आने की संभावना जताई जा रही है।