अगर आप घर को संपन्नता का प्रतीक मानते हैं, तो अपनी सोच बदलें। हमारे देश में अमीरों की तुलना में ज्यादा संख्या में गरीब अपने मकानों में रहते हैं। जबकि संपन्न वर्ग का एक बड़ा हिस्सा किराये के मकान में रहता है।
पीपुल रिसर्च ऑन इंडियन कंज्यूमर इकोनॉमी के राष्ट्रीय सर्वे में यह दावा किया गया है। हालांकि भारत के उलट विकसित देशों में ज्यादा पैसे वाले लोग अपने घरों में रहते हैं, जबकि गरीब व निम्न मध्यम वर्ग वाले किराये के मकानों में रहते हैं। देश के आय में 20 फीसदी हिस्सा रखने वाली 97 फीसदी आबादी अपने घरों में रहती है।
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