बेंगलुरू/मुंबई। नोटबंदी का असर अब कंज्यूमर प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों पर भी दिखने लगा है। कैश की कमी और बाजार में मंदी के चलते नामी एफएमसीजी कंपनियों ब्रिटानिया, पारले, डाबर और इमामी ने उत्पादन में कटौती कर दी है।
बिस्किट बनाने वाली नामी कंपनी ब्रिटानिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वरूण बेरी ने कहा कि हमारी कंपनी ने फिलहाल उत्पादन में 15 से 20 फीसदी की कटौती कर दी है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद रिटेलर के पास भी ब्रिकी में 30 से 70 फीसदी की कटौती हुई है।
गौरतलब है कि एफएमसीजी मार्केट में ज्यादातर कैश पर ही का होता है और ज्यादातर थोक व्यापारी लेन-देन के लिए नोटों पर ही निर्भर रहते हैं। ऑनलाइन बैंकिंग और ई-पेमेंट के प्रति वे खुद को सहज नहीं बना पाए हैं। फिलहाल नोटों की कमी के चलते उपभोक्ता भी अपने पास जमा रकम खर्च करने से बच रहा है।
इधर पारले प्रोडक्ट कंपनी के डिप्टी मार्केटिंग मैनेजर बी. कृष्णा राव ने कहा कि हमने भी उत्पादन में कटौती की है लेकिन यह स्थाई नहीं है, बाजार की जरूरत के हिसाब से जल्द ही बढ़ाया जा सकता है।
डाबर के सीईओ सुनील दुग्गल ने बताया कि बीते सप्ताह उनके उत्पाद की बिक्री में 20 फीसदी की कटौती हुई है। इसी तरह हिदुस्तान लीवर, पेप्सिको, आईटीसी, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट और कोका कोला जैसी कंपनियों ने भी उत्पादन में कटौती की है।