अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार, भारत के आयकर कानूनों के तहत आय की कई श्रेणियों और समाज के कुछ वर्गों के लोगों को टैक्स से छूट दी गयी है. नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम की अनुसूचित जनजाति के लोग आयकर टैक्स के दायरे से बाहर किये गये हैं. वहीं, असम के उत्तरी कचार हिल्स और मिकिर हिल्स, मेघालय के खासी हिल्स, गारो हिल्स और जयंतिया हिल्स, जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में बसने वाली अनुसूचित जनजातियों को भी आयकर से छूट मिली हुई है. इन्हें किसी भी स्रोत से हुई आमदनी या कहीं से भी सिक्यॉरिटीज पर ब्याज के रूप में होने वाली आय पर टैक्स अदा नहीं करना पड़ता है.
अखबार में छपी खबर के अनुसार, खेती से होने वाली आय भी टैक्स के दायरे से बाहर किया है. खेती से होने वाली आय में कृषि भूमि के लिए प्राप्त किराया या रेवेन्यू शामिल है. इसके अलावा, कई संस्थानों को भी आइटी एक्ट के तहत टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है. इनमें खादी और ग्राम उद्योगों के विकास के लिए स्थापित पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट और गैर-लाभकारी सोसायटी को टैक्स से छूट मिली हुई है. इसी तरह शैक्षणिक संस्थानों और यूनिवर्सिटियों को भी आईटी एक्ट के तहत इनकम टैक्स में छूट है. नॉट फॉर प्रॉफिट अस्पताल भी छूट के दायरे में आते हैं. उपरोक्त राज्यों की तरह ही सिक्किम के लोगों को भी आयकर से छूट मिली हुई है. इस छूट का मकसद पिछड़े क्षेत्र और समुदायों के बीच वित्तीय असमानता को दूर करना है.