इंदौर। पांच सौ रुपए का पुराना नोट नहीं चलने से बूढ़े मां-बाप जवान बेटे का शव लेकर चार घंटे तक एमवायएच के गेट पर बैठे रहे, जबकि मुश्किल से पांच किमी दूर ही शव ले जाना था, लेकिन गाड़ीवाले पुराने नोट लेने को तैयार नहीं थे। घटना शनिवार सुबह 8.30 से 12.30 की है। इस दिन स्वास्थ्य मंत्री का भी दौरा था, लेकिन प्रबंधन की तरफ से किसी ने उनकी सुध नहीं ली।
32 साल के युवक अशोक की शनिवार सुबह 8 बजे किडनी फेल होने से मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्री का दौरा होने के कारण हर तरफ से गार्ड भीड़ को गेट के बाहर कर रहे थे। बेटे का शव लेकर बैठे बूढ़े मां-बाप को भी कभी गार्ड, आया बाई, नर्सें तो कभी डॉक्टर आते-जाते टोक रहे थे, लेकिन कोई भी उनसे परेशानी जानने की कोशिश नहीं कर रहा था।
पिता बार-बार बाहर जाता और दस-पंद्रह मिनट में अंदर आ जाता। आखिर 12.30 बजे उनके रिश्तेदार पहुंचे उसके बाद उन्होंने लाश घर ले जाने की तैयारी की। मृतक के पिता मांगीलाल ने बताया कि वे मूलत: सनावद के रहने वाले हैं। बेटे के इलाज के सिलसिले में कमरा लेकर बड़ी ग्वालटोली में रह रहे थे।
परिजन ने नहीं बताई समस्या
हमारे पास इस तरह के मामले की जानकारी नहीं आई है। न ही परिजन ने कोई शिकायत की, अगर परिजन हमारे पास समस्या लेकर आते तो हम जरूर शव को घर तक छोड़ने की व्यवस्था कराते।
– डॉ. वीएस पाल, प्रभारी अधीक्षक, एमवायएच