राज्य शासन ने कलेक्टर को पत्र लिखकर सरकारी कार्यालयों में अटैचमेंट समाप्त करने का फरमान जारी किया है। इसके बाद भी ऊंची पहुंच वाले कर्मचारी सालों से अपने मूल पदस्थापना स्थल को छोड़कर मलाईदार जगहों पर पदस्थ हैं। शिक्षाकर्मियों का भी यही हाल है। जिला पंचायत सीईओ को इस संबंध में लगातार शिकायत मिल रही थी। इसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने बुधवार को डीईओ, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग समेत सभी जनपद पंचायत सीईओ और बीईओ को पत्र जारी कर तत्काल संलग्नीकरण समाप्त करने कहा है। उन्होंने शासन के नियमों का भी हवाला दिया था। साथ ही उन्होंने मूल पदस्थापना स्कूल भेजने के बाद जिला पंचायत को प्रतिवेदन देने के लिए भी कहा है। मालूम हो कि इन दिनों कुछ शिक्षाकर्मी स्कूल छोड़कर बीईओ कार्यालय और जनपद पंचायतों में गैरशिक्षकीय काम कर रहे हैं। इससे स्कूल का अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है। इनमें से अधिकांश ऊंची पहुंच के बल पर सालों से जमे हुए हैं।
जिले में 150 से अधिक संलग्न
जिले में 150 से अधिक ऐसे शिक्षाकर्मी हैं जो सालों से बीईओ कार्यालय या फिर जनपद पंचायतों में संलग्न होकर गैरशिक्षकीय काम कर रहे हैं। बार-बार उन्हें हटाकर मूल शाला में भेजने का फरमान भी जारी किया गया था। इसके बाद भी संबंधित अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
बीईओ और जनपद पंचायतों में सर्वाधिक शिक्षाकर्मियों के अटैच होने की शिकायत मिली है। सभी को पत्र लिखकर संलग्नीकरण समाप्त करने कहा है। साथ ही प्रतिवेदन जिला पंचायत भेजने कहा गया है ताकि सुनिश्चित हो सके कि संबंधित शिक्षाकर्मी को उनके मूल पदस्थापना स्कूल के लिए रिलीव कर दिया गया है।
जेपी मौर्य
सीईओ जिला पंचायत