भगवां। स्थानीय जनपद क्षेत्र में बाल श्रम कानून का खुलकर उल्लंघन किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत के मुखिया पंचायती विकास कार्यो में बच्चों से मजदूरी करा रहे हैं और जिम्मेदार विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। ग्राम पंचायत झिंगरी में सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण कार्य में किशोर व किशोरियों को मजदूरी में लगाया गया है।
ग्राम पंचायत झिंगरी में विगत कुछ दिनो से सीमेंट कांक्रीट सड़क का निर्माण जारी है। सरपंच सरोज अहिरवार के पति पर्वत अहिरवार बताते है कि हाल ही में 2 अक्टूबर को पंचायत भवन में बैठक हुई थी। उप सरपंच व पंचो की उपस्थिती में पंचायत विकास संबंधी अनेक प्रस्ताव डाले गए थे। जिसमें झलुआ अहिरवार के मकान से देवी माता चबूतरा तक करीब 100 मीटर सडक निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गया था। उसने बताया कि मनरेगा व पंच परमेश्वर मद से करीब 4 लाख रूपए से काम शुरू किया गया है। शुरूआती 2 दिन 26 मजदूर सड़क निर्माण में लगे रहे, जबकि सरपंच सरोज अहिरवार बताती है कि कार्य के मस्टर के संबंध में मुझे जानकारी नहीं है।
बाल मजदूर बना रहे सड़क
ग्राम पंचायत झिंगरी में डाली जा रही सीमेंट कंक्रीट सड़क के कार्य में केवल दर्जन भर मजदूर ही निर्माण एजेंसी द्वारा लगाए गए है। तीन दिन पूर्व काम शुरू होने के बाद भी निर्माण कार्य संबंधी ऑनलाइन मस्टर जारी नहीं किए गए है। इनमें परमलाल अहिरवार 60 वर्ष, रजनी अहिरवार 18 वर्ष के अलावा 16 वर्षीय रामकिशोर अहिरवार, धनीराम अहिरवार एवं गायत्री अहिरवार ने बताया कि सरपंच पति पर्वत अहिरवार के कहने पर हम लोग दो सौ रूपए प्रति दिन के हिसाब से मजदूरी कर रहे है।
गुपचुप बनाया प्रस्ताव
ग्रामीणों द्वारा चुने गए पंचो का आरोप है कि पंचायत में गुपचुप तरीके से प्रस्ताव डाले जाते हैं। उप सरपंच मुन्ना लोधी, पंच गिरजा आदिवासी, काशीबाई लोधी, दिव्या शुक्ला, द्वारिका आदिवासी, इंद्रपाल सिंह, लछिया अहिरवार, रघुवीर रैकवार एवं विद्या लोधी बताती हैं कि कब प्रस्ताव डाल लिए जाते और ग्राम की बैठक कब होती हमें पता ही नहीं चलता।