मुंबई। मुंबई के वकोला में 72 वर्षीय बुजुर्ग आरटीआई एक्टिविस्ट भूपेंद्र वीरा की शनिवार की रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई। कलीना मस्जिद के पास रज्जाक कंपाउंड में हुई इस हत्या की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर 6 आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं यह हत्या भूमाफिया ने तो नहीं करवाई है।
इस बीच, मुंबई में आम आदमी पार्टी (आप) की नेता अंजली दमानिया ने आरटीआई एक्टिविस्ट भूपेंद्र वीरा के हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की है। दमानिया ने कहा कि उन्होंने वीरा के साथ भू-माफिया, गैरकानूनी कंस्ट्रक्शन और अतिक्रमण पर काम किया है और वीरा कलीना-वकोला में काफी लोकप्रिय थे। उन्होंने कहा कि वे भूमाफिया के निशाने पर थे। वीरा के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा गोवा में टिश्यू कल्चर का कारोबार करता है और छोटा बेटा बेंगलुरु में कंस्ट्रक्शन का काम करता है। कलीना में वीरा अपनी पत्नी के साथ रहते थे। वीरा यहां के एक एएलएम ‘वॉइस ऑफ कलीना’ से जुड़े थे।
दमानिया ने कहा कि वीरा ने भूमाफिया से लड़ने के लिए कलीना-वकोला आदि एरिया में अनेक बार बीएमसी, लोकायुक्त और पुलिस में शिकायत की थी। इसके लिए उन्हें माफियाओं, नेताओं और दलालों से धमकी आदि मिलती रहती थी जिसकी उन्होंने पुलिस को शिकायत भी की थी। ‘कल भी वीरा ने यहां के एक बदमाश के विरुद्ध चार नोटिस इश्यू कराने के लिए बीएमसी को मनाया था ताकि उसके गैरकानूनी स्ट्रक्चर को ढहाया जा सके।
एक अन्य आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि मुंबई में जमीन जायदाद में अंधाधुंध मुनाफा होने के कारण सारे ‘गलत लोग’ इस क्षेत्र में कूद गए हैं और इसके लिए हर गलत काम करते हैं। कलीना इस मायने में एक प्रीमियम जगह मानी जाती है और इन सभी ‘गलत’ लोगों की नजर वीरा की दुकान पर टिकी हुई थी। ये ‘गलत या माफिया लोग का लीडर यहां का एक पूर्व कांग्रेसी कॉरपोरेटर माना जाता है। इसी कॉरपोरेटर ने चार साल पहले वीरा के बेटे को चाकू मारा था। अन्य एक्टिविस्ट का मानना है कि सरकार को आरटीआई एक्टिविस्टों, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं, एनजीओ आदि को सुरक्षा देनी चाहिए।