रायपुर, ब्यूरो। बच्चों को सही पोषण आहार देने और उन्हें लकड़ी के धुएं व प्रदूषण से छुटकारा दिलाने के लिए राज्य सरकार ने मिड-डे मील की बजट राशि के साथ कुकिंग कॉस्ट बढ़ा दी है। बजट में करीब 8 से 10 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। राज्य के 35 हजार स्कूलों में 38 लाख बच्चों के लिए करीब 100 करोड़ का स्र्पए खर्च करने का दावा किया जा रहा है। कुकिंग कॉस्ट में बढ़ोतरी से सरकार पर हर साल 16 करोड़ रुपए अतिरिक्त भार पड़ेगा। सरकार ने स्कूलों में गैस सिलेंडर के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए प्राइमरी में 20 और अपर प्राइमरी में 30 पैसे अपने कोष से देने की स्वीकृति दी है।
जुलाई से एरियर्स मिलाकर 30 पैसे अतिरिक्त कुकिंग कॉस्ट मिलेगी। नईदुनिया ने इससे संबंधित खबर लगातार प्रकाशित की थी। सरकार को चेताया था कि किस तरह मील की कुकिंग कॉस्ट नहीं बढ़ने से दो करोड़ के सिलेंडर बर्बाद हो गए हैं। लिहाजा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
16 करोड़ अतिरिक्त सरकार की जेब से
अभी तक प्राइमरी के प्रति बच्चे के लिए मिड-डे मील का बजट 4.42 पैसे और मिडिल के लिए प्रति बच्चे के लिए 5.78 पैसे बजट का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर अब प्राइमरी में 4.42 पैसे के बजाय 4.58 पैसे कर दिया गया है। अब यदि इस स्कूल में स्व सहायता समूह एलपीजी गैस सिलेंडर से भोजन पकाएगा तो उसे सरकार बतौर प्रोत्साहन 4.78 पैसे प्रति छात्र बजट देगी। इसी तरह मिडिल स्कूल में 5.78 पैसे के बजाय अब 6.18 पैसे कर दिया गया है। यहां यदि स्व सहायता समूह सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें 6.48 पैसे मिलेंगे।
अब सरकार को 16 करोड़ स्र्पए प्रति साल अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। मिलेगी राहत मिड-डे मील के तहत प्राइमरी के बच्चों को एक समान 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन, जबकि छठीं से आठवीं कक्षा के बच्चों को 7 सौ ग्राम कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन दिया जाना है। प्राइमरी के प्रति बच्चे के लिए 4.42 पैसे और मिडिल के प्रति बच्चे के लिए 5.78 पैसे बजट का प्रावधान है। राज्य के 35 हजार स्कूलों में 38 लाख बच्चों के लिए करीब 100 करोड़ का स्र्पए खर्च करने का दावा किया जा रहा है।
सरकार ने कुकिंग कॉस्ट बढ़ा दी है। वित्त विभाग से इसके लिए सहमति भी मिल गई है। अब एलपीजी से भोजन बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बजट में अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
-एलएस मरावी, संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय